यूपी बिहार सीमा को विभाजित करती कुशीनगर की नारायणी नदी में गुरुवार देर रात डेढ़ सौ लोगों से भरी एक इंजन चालित नाव बह गई। हादसा तब हुआ, जब बीच नदी की धारा में पहुंचते ही इंजन में डीजल समाप्त हो गया। आधी रात बाद नाव बहती हुई बरवापट्टी घाट से पांच किलोमीटर दूर अमवादिगर गांव के सामने बने ठोकर के पास जाकर फंस गई। लोकेशन ट्रेस कर प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा व बचाव कार्य शुरू किया गया। राहत की बात है कि सभी यात्री सुरक्षित नाव से उतार लिए गए।
गुरुवार रात दस बजे के करीब नाव के फंसने की जानकारी होते ही यात्रियों में चीख पुकार मच गई। लोग मोबाइल से अपने परिजन व प्रशासन को सूचना देने लग गए। इस बीच नाव बहती हुई बरवापट्टी घाट से पांच किलोमीटर दूर अमवादिगर गांव के सामने बने ठोकर के पास जाकर फंस गई। एक घंटे बाद पहुंची पुलिस व प्रशासनिक टीम ने सभी को नाव से उतारा।
पता चला है कि नदी के पार दियरा में फूस का घर बनाकर रह रहे लोग पानी में फंसे हुए थे। उन्हीं को निकाल कर लाने के लिए नाव मालिक नाव लेकर रात में ही गया था। हालांकि रात में नौका चलाने पर रोक लगी हुई है। नाव चालक सबको लेकर लौट रहा था। बीच नदी में नाव के इंजन का तेल समाप्त हो गया। बाद में अमवादिगर के ग्राम प्रधान रिंकू सिंह पटेल ने तेल की व्यवस्था कर कुछ मछुआरों की छोटी वाली नाव से भेजा। इसी बीच पुलिस – प्रशासनिक टीम भी पहुंची। एसडीएम एआर फारुकी ने बताया कि छोटी नाव से तेल भेजा जा रहा है। जान माल का कोई खतरा नहीं है। कुछ लोगों को छोटी नाव से निकाला भी जा रहा है।