आजाद सिपाही संवाददाता

रांची। टंडवा थाना में कभी पदस्थापित रहे पूर्व दारोगा गौरी शंकर तिवारी और सत्येंद्र कुमार सिंह के खिलाफ टंडवा थाना में ही प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है। इन दोनों पर आरोप है कि जब ये टंडवा थाना में पदस्थापित थे, तो उस समय बड़कागांव के पूर्व विधायक योगेंद्र साव को फंसाने की गरज से दो अलग-अलग मामलों में केस डायरी ही बदल दी थी। केस डायरी बदल कर योगेंद्र साव को आरोपी बना दिया था। सरकार द्वारा इस मामले की सीआइडी जांच करायी गयी। सीआइडी ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी और पूरे मामले का खुलासा किया था। सीआइडी की रिपोर्ट के आधार पर ही टंडवा थाना के पूर्व दारोगा के खिलाफ कांड संख्या 81/2021 दिनांक 15 जून दर्ज कर ली गयी है। अब इनके खिलाफ पुलिस सबूत एकत्र करेगी।

क्या है मामला

वर्ष 2015 में मगध आम्रपाली परियोजना में विस्थापितों की समस्याओं को लेकर किये जा रहे आंदोलन के विरुद्ध एक मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को फंसाने की कोशिश की गयी थी। पुलिस पर दबाव था कि योगेंद्र साव को फंसाया जाये। इसी कारण केस डायरी बदल दी गयी। टंडवा पुलिस के दो अधिकारियों ने इस कांड को अंजाम दिया था। इतना ही नहीं, पुलिस ने इस मामले में पूर्व मंत्री के खिलाफ चार्जशीट भी कर दी।

क्या मिला सीआइडी को

सीआइडी ने जांच में पाया कि टंडवा थाना में दर्ज मामले में केस डायरी बदल दी गयी है। सीआइडी को योगेंद्र साव के पांच मामलों की जांच की जवाबदेही मिली थी। सभी की रिपोर्ट पहले ही भेज दी गयी है।

इंसाफ के लिए लड़ती रहूंगी: अंबा प्रसाद

बड़कागांव की विधायक और योगेंद्र साव की बेटी अंबा ने कहा कि मेरे पिता को फंसाया गया था। सीआइडी जांच में इसकी पुष्टि हो चुकी है। पूर्व में पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर मेरे पिता पर मामले दर्ज किये गये। उन्होंने कहा कि वह इंसाफ के लिए लगातार लड़ती रहेंगी।

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