आजाद सिााप्ही सद्दावददााात
यूरो कप फुटबॉल में पुर्तगाल के स्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सामने रखी कोका कोला की बोतल हटाकर लोगों से पानी पीने की अपील की। इस खबर का ऐसा इम्पैक्ट हुआ कि एक दिन में कंपनी की मार्केट वैल्यू करीब 29 हजार करोड़ रुपए कम हो गई। भारत में कई स्टार खिलाड़ी और सेलिब्रिटी सॉफ्ट ड्रिंक्स का विज्ञापन करते हैं। लेकिन, बैडमिंटन स्टार पुलेला गोपीचंद ने उस समय एक कोला कंपनी के विज्ञापन ऑफर को ठुकरा दिया था जब वे पैरेंट्स के साथ किराए के मकान में रहते थे।
2002 में ठुकराया था ऑफर
गोपीचंद ने 2001 में बैडमिंटन के सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में मेंस सिंगल्स का खिताब जीता था। प्रकाश पादुकोण के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले वे दूसरे भारतीय खिलाड़ी थी। इसके बाद एक बड़ी कोला कंपनी ने 2002 की शुरुआत में उन्हें अपना ब्रैंड एम्बेसडर बनाने की कोशिश की थी।
तब गोपीचंद का नाम भले ही बड़ा हो गया था लेकिन, वे उस समय भी पैरेंट्स के साथ किराए के मकान में रहते थे। वे चाहते तो इस ऑफर को स्वीकार कर काफी पैसे कमा सकते थे। लेकिन, उन्होंने कोला कंपनी का ऑफर ठुकरा दिया।
कहा था स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है सॉफ्ट ड्रिंक्स पीना
गोपीचंद ने तब कहा था-मैं जानता हूं कि जिस तरह स्मोकिंग करना और शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है उसी तरह इस तरह के सॉफ्ट ड्रिंक्स को पीने से भी बहुत नुकसान होता है। जो ड्रिंक मैं खुद नहीं पीता बच्चों को उसे पीने के लिए कैसे प्रेरित करूं। मैं आगे भी इस तरह के प्रोडक्ट को प्रोमोट नहीं करूंगा। पुलेला बाद में मशहूर बैडमिंटन कोच बने। उन्होंने साइना नेहवाल और पीवी सिंधु जैसी खिलाड़ियों को तैयार किया।
टीम इंडिया के कप्तान विराट भी नहीं करते सॉफ्ट ड्रिंक्स को प्रोमोट
पुलेला गोपीचंद की ही तरह टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान विराट कोहली भी इस तरह के सॉफ्ट ड्रिंक्स को प्रोमोट नहीं करते हैं। विराट भी यही तर्क देते हैं कि वे खुद इसे नहीं पीते, लिहाजा वे दूसरों को भी इसे पीने के लिए नहीं कहेंगे।