पश्चिम बंगाल में मिली हार के बाद भाजपा को लगातार झटते लगने लगे है। भाजपा को सबसे बड़ा झटका शुक्रवार को लगा जब चुनाव के दौरान गृहमंत्री अमित शाह के करीबी और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय पार्टी छोड़कर फिर से ममता बनर्जी के साथ हो लिए। मुकुल रॉय अपने बेटे के साथ ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी में शामिल हो गए। उसके बाद कई और नेताओं के भाजपा छोड़ने की अटकलें चल रही हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कई और भाजपा नेता फिर से टीएमसी में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
इस बात को और बल तब मिला जब बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष की बुलाई बैठक में पार्टी के सांसद शांतनु ठाकुर, विधायक बिस्वजीत दास (बगड़ा), विधायक अशोक कीर्तनिया (बोनगांव उत्तर) और विधायक सुब्रत ठाकुर (गायघाटा) शामिल नहीं हुए। इन नेताओं ने निजी कारणों का हवाला देकर बैठक में नहीं पहुंचे। दरअसल, भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर और तीन अन्य विधायक जिला संगठनात्मक बैठक से दूर रहे, जिससे भाजपा में दलबदल की आशंका की अटकलें और तेज हो गई है।
बंगाल में नेताओं का पाला बदलना शुरू
बंगाल में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद नेताओं का पाला बदलना शुरू हो गया है। चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए कई नेता और कार्यकर्ता फिर से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। बीते दिनों बीरभूम और वर्दवान जिले से कई कार्यकर्ता ममता बनर्जी की पार्टी में शामिल हो गए। बीरभूम में तो भाजपा कार्यकर्ता और नेताओं ने लाउडस्पीकर से अनाउंस कर पार्टी छोड़ी।