आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत आदिवासियों के हित के लिए राज्यपाल को एक विशेष अधिकार प्राप्त है। इसमें टीएसी का गठन या आदिवासियों से संबंधित अन्य निर्णय शामिल हैं। राज्य मंत्रिमंडल की ओर से जनजातीय सलाहकार परिषद की संचालन नियमावली तैयार और अधिसूचित की गयी है, जो गैर संवैधानिक है। रविवार को ये बातें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहीं। उनके नेतृत्व में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिला और टीएसी की नियमावली को निरस्त करने तथा रूपा तिर्की मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। श्री प्रकाश ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री जनजातीय सलाहकार परिषद के सदस्यों की नियुक्ति करेंगे, यह राज्यपाल के अधिकारों और कर्तव्यों के ऊपर गैर संवैधानिक अतिक्रमण है।
आदिवासी और आदिवासियत का कोई अहित चाहेगा तो भाजपा उसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि रूपा तिर्की हत्याकांड की सीबीआइ जांच करायी जानी चाहिए। मौके पर भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शिवशंकर उरांव ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से निरूपित जनजातीय सलाहकार परिषद की नियमावली संविधान की पांचवीं अनुसूची में दिये गये प्रावधानों के विरुद्ध और गैर संवैधानिक है। वहीं, भाजपा नेता डॉ अरुण उरांव ने कहा कि होनहार दारोगा स्व रूपा तिर्की की मृत्यु संदेहास्पद है। रूपा के परिजनों ने तीन लोगों पर एफआइआर दर्ज करायी, उसमें एक नाम पंकज मिश्रा का है। इस घटना की जांच सीबीआइ से करायी जानी चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में शिवशंकर उरांव, डॉ अरुण उरांव, रामकुमार पाहन, आरती कुजूर, अशोक बड़ाइक और बिंदेश्वर उरांव शामिल थे।