65 हजार पारा शिक्षकों का होगा बीमा
टेंडर की कवायद तेज, शिक्षा परियोजना ने प्रस्ताव भेजा
नियमावली को भी अंतिम रूप देने में जुटा विभाग
राजीव
रांची। झारखंड के 65 हजार पारा शिक्षकों के लिए गुड न्यूज। हेमंत सरकार उन्हें बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 15 अगस्त को झंडोत्तोलन के बाद इसकी घोषणा कर सकते हैं। इसी दिशा में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग काम कर रहा है। झारखंड गठन के बाद जहां पहली बार पारा शिक्षकों के लिए नियमावली बन रही है, वहीं दूसरी ओर कल्याण कोष का भी गठन किया जा रहा है। कल्याण कोष के जरिये सभी पारा शिक्षकों का बीमा कराया जायेगा। इसके दायरे में पारा शिक्षकों के अलावा केजीवी, बीआरपी-सीआरपी कर्मी भी आयेंगे। विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसके अनुसार अब पांच लाख की बीमा राशि का लाभ शिक्षाकर्मियों को मिलेगा। ज्यादा से ज्यादा लाभ पारा शिक्षकों को बीमा कंपनियों से कैसे मिले, इसके लिए सीएम हेमंत सोरेन ने टेंडर निकालने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद झारखंड शिक्षा परियोजना ने टेंडर निकालने को लेकर प्रस्ताव भेज दिया है। जुलाई में टेंडर निकलने की उम्मीद है। इसके तहत पारा शिक्षकों, केजीवी, बीआरपी-सीआरपी संविदाधारी कर्मियों के कार्यकाल के दौरान सामान्य मृत्यु होने पर उनके आश्रित को सहायता प्रदान की जायेगी। सामान्य मृत्यु की स्थिति में भी पांच लाख की बीमा राशि उपलब्ध करायी जायेगी।
ग्रुप इंश्योरेंस एक्सीडेंटल बीमा योजना के तहत पांच लाख तक का लाभ अधिकतम 80 रुपये प्रति व्यक्ति वार्षिक प्रीमियम राशि दिये जाने का प्रावधान किया गया है। इस नीति के तहत दुर्घटना में मृत्यु होने और स्थायी रूप से दिव्यांगता पर पांच लाख रुपये राशि का बीमा, अस्थायी दिव्यांगता की स्थिति में दो लाख 50 हजार तक की राशि का कवरेज दिये जाने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 10 करोड़ के कॉरपस फंड से सूद की उपलब्ध संपूर्ण राशि पर ऋण देने का निर्णय लिया गया है। सदस्य के पुत्र-पुत्री की उच्च शिक्षा के लिए, पुत्री के विवाह के लिए 50 हजार से अधिकतम दो लाख रुपये के ऋण का प्रावधान है।
आंकड़ा एक नजर
65 हजार पारा शिक्षकों को मिलेगा कल्याण कोष का लाभ
3000 बीआरपी-सीआरपी और 1000 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के शिक्षाकर्मी भी आयेंगे दायरे में
खास बातें
* कार्यकाल के दौरान मृत्यु होने पर आश्रित को पांच लाख रुपये
* असाध्य रोग के इलाज के लिए एक लाख रुपये
* कार्य अवधि के दौरान दुर्घटना में विकलांग होने पर डेढ़ से दो लाख
* बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए ऋण अधिकतम दो बच्चे, दो लाख रुपये
* शादी के लिए ऋण अधिकतम दो बेटी डेढ़ लाख रुपये
* सदस्यता प्राप्ति तिथि के पांच वर्ष की अवधि के बाद 75 हजार रुपये
* सेवानिवृत्त होने पर मिलनेवाली अधिकतम एकमुश्त राशि
* सदस्यता प्राप्ति की तिथि से 10 वर्ष में डेढ़ लाख रुपये
* सदस्यता प्राप्ति की तिथि से 10 वर्ष से अधिक अवधि के बाद तीन लाख रुपये
निश्चित तौर पर पारा शिक्षकों के लिए यह अच्छी खबर है। बीमा हो जाने और नियमावली बनने से पारा शिक्षकों को काफी राहत मिलेगी। इसी के साथ पारा शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो जायेगी। टेंडर की प्रक्रिया के बाद बीमा का काम शुरू होने की उम्मीद है।