बुधवार तड़के ग़ज़ा शहर धमाकों से गूंज उठा. इसराइल डिफ़ेंस फ़ोर्स (आईडीएफ़) ने कहा कि उसके लड़ाकू विमानों ने ख़ान यूनुस और ग़ज़ा शहर में हमास के परिसरों को निशाना बनाया.
आईडीएफ़ की ओर जारी बयान में कहा गया है, “इन परिसरों में आतंकवादी गतिविधि चल रही थी. ग़ज़ा पट्टी से जारी आतंकवादी हरकतों को देखते हुए आईडीएफ़ युद्ध शुरू करने समेत सभी तरह के हालात के लिए तैयार है.”
अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इसराइली हमलों से जान-मान का नुक़सान हुआ है या नहीं.
इसराइल में हाल ही में नई गठबंधन सरकार बनने के बाद इसराइल और हमास के बीच यह पहली हिंसक झड़प है.
मई महीने में दोनों पक्षों के बीच 11 दिन तक भीषण युद्ध चला था जिसके बाद 21 मई को संघर्ष विराम हुआ था.
मंगलवार से बढ़ा तनाव
फ़लस्तीनी चरमपंथी समूह आग लगाने वाले गुब्बारे इस्तेमाल करते रहे हैं (15 जून की तस्वीर)
इससे पहले मंगलवार को यहूदी राष्ट्रवादियों ने इसराइल के क़ब्ज़े वाले पूर्वी यरूशलम में एक जुलूस निकाला था. इसके बाद ग़ज़ा पर शासन चलाने वाले चरमपंथी संगठन हमास ने धमकियां दी थीं.
इसराइल का कहना है कि मंगलवार को ग़ज़ा की ओर से आग लगाने वाले कई सारे गुब्बारे भेजे गए थे जिनकी वजह से कई जगहों पर आग लग गई.
इसराइली फ़ायर सर्विस के मुताबिक़, इन गुब्बारों के कारण दक्षिणी इसराइल में खेतों में आग लगने की कम से कम 20 घटनाएं हुईं.
ग़ज़ा में मौजूद बीबीसी के रुश्दी अबुअलफ़ ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है. साथ में लिखा है कि पूरे इलाक़े के ऊपर इसराइली ड्रोन्स की आवाज़ सुनी जा सकती है.
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ट्विटर पर हमास के एक प्रवक्ता ने कहा कि ‘फ़लस्तीनी अपने अधिकारों की रक्षा के लिए तब तक प्रतिरोध जारी रखेंगे जब तक क़ब्ज़ाधारी को हम अपनी पूरी ज़मीन से बाहर न निकाल दें.’
‘कभी भी टूट सकता है संघर्षविराम
ग़ज़ा में मौजूद बीबीसी संवाददाता रुश्दी अबु अलफ़ ने बताया है कि ताज़ा हवाई हमले दस मिनट तक ही चले मगर पिछले दिनों हुए भीषण संघर्ष के झटके से उबर रहे ग़ज़ा के बाशिंदों को इस बात का अहसास दिला गए कि संघर्षविराम बहुत संवेदनशील है और कभी भी टूट सकता है.
उनके मुताबिक़ धमाकों की आवाज़ से ही लोगों को युद्ध की याद नहीं आती, जब आप शहर की सड़कों से गुज़रते हैं तो जहां-तहां तबाही का मंज़र नज़र आ जाता है. ग़ज़ा के बीचोबीच एक मुख्य सड़क अभी भी टनों मलबे से बंद पड़ी है.
अबु मोहम्मद नाम के शख़्स रीमाल इलाक़े में रेहड़ी लगाते हैं. यहां पर पिछले दिनों हुए संघर्ष के दौरान सबसे बड़ा हवाई हमला हुआ था. अबु मोहम्मद ने रुश्दी अबु अलफ़ को बताया, “हम और युद्ध नहीं झेल सकते. पहले तो कोरोना महामारी ने कई महीनों तक हमारा काम बंद रखा, फिर युद्ध के कारण हमें बहुत नुक़सान उठाना पड़ा. मैं अपने छह बच्चों का पेट नहीं भर पा रहा.”
इसराइल ने ताज़ा हवाई हमले में हमास के जिस सैन्य ठाने को निशाना बनाया, उसके क़रीब रहने वाले एक शख़्स ने बीबीसी को फ़ोन पर बताया कि फिर से धुएं के ग़ुब्बार उठते देखना बहुत डरावना था.