रांची। रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने रविवार को राजभवन में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। मेयर ने जनजातीय सलाहकार परिषद (टीएसी) व रांची नगर निगम  सहित राज्य में चल रहे अन्य गतिविधियों को लेकर चर्चा की।
मेयर ने कहा कि संशोधित नियमवाली के रूल 24 पढ़ने से यह स्पष्ट होता है कि  टीएसी के चयनित सदस्यों का कोई महत्व नहीं रह जाएगा। क्योंकि, जो मुख्यमंत्री कहेंगे, वहीं इस रूल के तहत मान्य होगा जो अपने आप में ही विरोधाभास है। पांचवीं अनुसूची के रूल पांच का (पांच) में यह स्पष्ट दर्शाया गया है कि टीएसी की सदस्यों की मनोनयन का ताकत  सिर्फ और सिर्फ राज्यपाल के पास ही निहित है। जिसे राज्य सरकार के पास संशोधन करने की ताकत नहीं है। उसके बावजूद भी राज्य सरकार नियम- कानून को ताक पर रखकर नियमावली में संशोधन किया है जो गलत है।
इसके अलावा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 154 के अनुसार, राज्यपाल स्वयं कार्य कर सकती हैं या विभागीय सचिव को अपना अधिकार प्रदान कर सकती हैं। यही कारण है कि राज्यपाल के विभागीय सचिव को एग्जीक्यूटिव पावर दिया गया है। लेकिन विभागीय सचिव ने राज्यपाल के अधिकार को कम करने के लिए ही एग्जीक्यूटिव पावर का इस्तेमाल किया, जो दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय है।
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