कोविड-19 महामारी के मद्देनजर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने श्रमिकों और अनौपचारिक क्षेत्र के प्रवासी मजदूरों पर प्रतिकूल प्रभावों को लेकर अलग अलग मंत्रालयों और राज्यों को एडवाइजरी जारी किए हैं. इस बात की जानकारी अधिकारियों ने दी.
देश अप्रैल से ही कोरोना वायरस महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर से जूझ रहा है और कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में लॉकडाउन लगाया गया है. एनएचआरसी ने एक बयान में कहा, ‘समाज के विभिन्न वर्गों पर महामारी के प्रतिकूल प्रभावों को ध्यान में रखते हुए आयोग ने कोविड-19 महामारी परामर्श 2.0 सीरीज के तहत केंद्र, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को और परामर्श जारी किए हैं.’
चार सप्ताह में देना होगा कार्रवाई रिपोर्ट
ये एडवाइजरी महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य के अधिकार, बंधुआ मजदूरों की पहचान, उन्हें मुक्त करने और उनका पुनर्वास करने और अनौपचारिक श्रमिकों के अधिकारों को सुरक्षा देने पर केंद्रित हैं. बयान के अनुसार आयोग ने अपने महासचिव बीम्बाधर प्रधान के जरिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिवों, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के के मुख्य सचिवों से परामर्श में की गयीं सिफारिशों को लागू करने एवं चार सप्ताह में कार्रवाई रिपोर्ट देने को कहा है.