तीन माह में शिक्षाकर्मियों के खाते में पहुंच जायेगी राशि
राजीव
रांची। कोरोना के कारण आर्थिक संकट झेल रहे झारखंड के वित्तरहित शिक्षाकर्मियों के लिए राहत भरी खबर आयी है। सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड के वित्तरहित शिक्षाकर्मियों को तीन माह यानी सितंबर तक अनुदान देने का निर्णय लिया है। इसके चलते तेजी से इस दिशा में स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग लगा हुआ है। आर्थिक तंगी झेल रहे झारखंड के दस हजार कर्मियों को 85 करोड़ रुपये का अनुदान इस बार दिया जाना है। इसके लिए पोर्टल खोला जायेगा। इसके माध्यम से संबंधित स्कूल अपना डाटा अपलोड करेंगे और डीइओ के माध्यम से यह विभाग तक पहुंचेगा। इसके बाद विभागीय स्तर पर आकलन कर अनुदान वितरण की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। वित्तरहित शिक्षाकर्मियों के दायरे में स्थापनानुमति हाइस्कूल, प्रस्वीकृति प्राप्त हाइस्कूल, मदरसा, संस्कृत और इंटर कॉलेज आयेंगे। इस बार 546 शिक्षण संस्थानों को अनुदान की श्रेणी में रखा गया है।

पिछले साल के अनुदान की फाइल पहुंची सीएमओ
स्थापनानुमति प्राप्त हाइस्कूलों को पिछले साल अनुदान नहीं मिल पाया था। इस कारण इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षाकर्मियों की स्थिति काफी खराब है। इसकी जानकारी सीएम हेमंत सोरेन को लगते ही उन्होंने शिक्षा विभाग को तुरंत इस मामले का निष्पादन करने का निर्देश दिया। नतीजतन तमाम प्रक्रिया के बाद फाइल सीएमओ तक पहुंच गयी है। लंबित अनुदान जुलाई में मिल जाने की उम्मीद है। झारखंड में स्थापनानुमति प्राप्त स्कूलों की संख्या 234 है। पिछली बार मात्र 40 स्कूलों ने अनुदान के लिए आवेदन समय रहते किया था। सीएम को जो फाइल भेजी गयी है, उसमें लिखा गया है कि शेष स्कूल जिन्होंने अनुदान के लिए आवेदन नहीं किया है, उनके लिए पोर्टल खोल कर एक मौका दिया जा सकता है, ताकि सभी स्थापनानुमति प्राप्त स्कूलों को पिछले साल का अनुदान मिल सके।

वित्तरहित शिक्षाकर्मियों को समय पर मिले अनुदान: मोर्चा
वित्तरहित शिक्षा मोर्चा के अध्यक्ष मंडल के सदस्य रघुनाथ सिंह और सुरेंद्र झा ने कहा कि वित्तरहित शिक्षाकर्मी हमेशा उपेक्षा का शिकार होते रहे हैं। सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि समय पर वित्तरहित शिक्षाकर्मियों को अनुदान मिल सके। वैसे भी अनुदान की राशि काफी कम है। इस राशि को बढ़ाने पर भी सरकार को विचार करना चाहिए।

आंकड़ा एक नजर
स्थापनानुमति प्राप्त हाइस्कूल-234
प्रस्वीकृति प्राप्त हाइस्कूल-66
इंटर कॉलेज-170
मान्यता प्राप्त संस्कृत स्कूल-33
मदरसों की संख्या-43
कर्मियों की संख्या-10 हजार

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