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    Home»corona effect»WHO और AIIMS के सर्वे में दावा : कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का एडल्ट के मुकाबले बच्चों पर ज्यादा असर नहीं होगा
    corona effect

    WHO और AIIMS के सर्वे में दावा : कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का एडल्ट के मुकाबले बच्चों पर ज्यादा असर नहीं होगा

    bhanu priyaBy bhanu priyaJune 18, 2021No Comments3 Mins Read
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    आजाद सिपाही संवाददाता

    कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का बच्चों पर ज्यादा असर नहीं होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) ने अपने सीरोप्रेवैलेंस सर्वे में इस बात का दावा किया है। कोरोना के खतरनाक वैरिएंट को देखते हुए भारत में तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है, लेकिन अब नए अध्ययन में WHO और AIIMS का दावा राहत देने वाला है।

    सर्वे के मुताबिक, एडल्ट के मुकाबले SARS-CoV-2 सिरोपाॅजिटिविटी रेट बच्चों में अधिक मिली है। सिरोपाॅजिटिविटी वायरस के प्रति नेचुरल इम्युन रिस्पॉन्स को माउंट करने की शारीरिक क्षमता बताती है। दिल्ली एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर पुनीत मिश्रा ने बताया कि दक्षिणी दिल्ली के शरणार्थी कॉलोनियों में सीरोप्रिवैलेंस 74.7% काफी ज्यादा पाया गया।

    ये आंकड़ा अब तक हुए किसी भी सीरो सर्वे में सबसे ज्यादा है। सर्वे के मुताबिक, दूसरी लहर से पहले भी दक्षिणी दिल्ली में रहने वाले 18 साल से छोटे बच्चों में सीरोप्रिवैलेंस 73.9% था। ज्यादा सीरोप्रिवैलेंस तीसरी लहर के खिलाफ बच्चों पर कवच का काम करेगी।

    पांच राज्यों से 10 हजार सैंपल लिए गए
    इस सर्वे के लिए 5 राज्यों से 10 हजार सैंपल लिए गए थे। फिलहाल जो रिपोर्ट आई है इसमें 4 राज्यों के 4500 सैंपल को आधार बनाया गया है। अगले दो-तीन महीने में पांचों राज्य के 10 हजार सैंपल साइज की पूरी रिपोर्ट आ जाएगी।

    यह स्टडी दिल्ली शहरी, दिल्ली ग्रामीण, भुवनेश्वर, गोरखपुर और अगरतला की साइट के लिए औसत आयु 11 वर्ष, 12 वर्ष, 11 वर्ष, 13 वर्ष और 14 वर्ष थी। स्टडी के लिए डेटा 15 मार्च 2021 और 10 जून 2021 के बीच इकट्ठा गया था। शोधकर्ताओं के अनुसार SARS-CoV-2 के खिलाफ कुल सीरम एंटीबॉडी का आकलन करने के लिए एलिसा किट का उपयोग किया गया था। इस किट से मानव शरीर में कोरोना वायरस के एंटीबॉडी की मौजूदगी का पता लगेगा।

    डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ बूस्टर शॉट लाएगी स्पुतनिक वी
    इधर, रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी ने कहा है कि वह जल्द ही एक बूस्टर शॉट मुहैया कराएगी। यह बूस्टर डोज कोरोना वायरस के भारत में सबसे पहले मिले डेल्टा वैरिएंट पर असरदार साबित होगी। इसके साथ ही कंपनी ने कहा है कि वह जल्द ही कोरोना के खिलाफ जंग में अन्य टीका निर्माताओं के साथ मिलकर भी काम करेगी।

    बता दें कि स्पुतनिक वी दुनिया की सबसे पहली कोरोना वैक्सीन है, जिसे रूस के गामालेया रिसर्च सेंटर ने पिछले साल बनाया था। कोवीशील्ड और कोवैक्सिन के बाद स्पुतनिक वी तीसरी वैक्सीन है जिसे भारत में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे हैदराबाद की फार्मा कंपनी डॉक्टर रेड्‌डीज रूसी कंपनी के सहयोग से तैयार कर रही है।

    WHO को नहीं दिया तीसरे चरण का डाटा: भारत बायोटेक
    देश की प्रमुख टीका निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन के तीसरे चरण के डेटा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के पास जमा किए जाने की खबरों का खंडन किया है। कंपनी ने गुरुवार को बताया कि ऐसी खबरें गलत हैं कि कंपनी ने कोवैक्सिन टीके के थर्ड फेज का डेटा WHO को दिया है।

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