नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद हुई कानपुर हिंसा में पाकिस्तान कनेक्शन सामने आया है। नयी सड़क और दादा मियां हाता में बवाल के दौरान एक नंबर से लगातार पाकिस्तान से बात हो रही थी। वह नंबर अकील खिचड़ी नाम के एक हिस्ट्रीशीटर का है। वह हिंसा के बाद से ही फरार चल रहा है। एसआइटी को पता चला है कि अकील खिचड़ी, बाबा बिरयानी के मालिक बाबा मुख्तार का भी खास है। बता दें कि बाबा मुख्तार को एसआइटी ने बुधवार को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है। अब तक जांच में यह भी साफ हो गया है कि हिंसा के आरोपियों को फंडिंग करने वाला बाबा मुख्तार ही था। उसके गुर्गे के रुमाल लहराते ही भीड़ ने चंद्रेश्वर हाते पर धावा बोल दिया था।
अकील ने लिखा था- शेख साहब और बम चाहिए:
एक मुखबिर ने पुलिस को अकील खिचड़ी के मोबाइल का स्क्रीन शॉट उपलब्ध कराया है। उसमें भी पाकिस्तानी नंबर है, जिससे अकील खिचड़ी बात कर रहा था। इसमें अकील ने लिखा है कि शेख साहब और बम चाहिए। काम हो जाएगा।
डाटा फिल्ट्रेशन में खुला पाकिस्तानी कनेक्शन:
तीन जून को कानपुर में जुमे की नमाज के बाद हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी। घटना की जांच कर रही एसआइटी ने हिंसा प्रभावित क्षेत्र के मोबाइल टॉवर्स का डाटा खंगाला है। इस दौरान पाकिस्तानी नंबर से कानपुर के अकील खिचड़ी की बात होने की जानकारी सामने आयी। वह शातिर अपराधी और दाउद के लिए काम करने वाली डी-2 गैंग का मेंबर भी है। उसके खिलाफ कर्नलगंज थाने में 21 गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस डी-2 गैंग का चैप्टर अब क्लोज कर चुकी है।
अफसरों की उड़ी नींद:
हिंसा के करीब 20 दिन बाद पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आने के बाद अफसरों की नींद उड़ गयी है। गम्मू खां के हाते में रहने वाला अकील पुलिस ने अकील खिचड़ी की तलाश तेज कर दी है। उसकी गिरफ्तारी के लिए अन्य एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है। एसआइटी ने चंद्रेश्वर हाते के बाहर रुमाल लहराकर हिंसा भड़काने वाले व्यक्ति को चिह्नित कर लिया है। रुमाल लहराने वाला व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि जेल भेजे गये आरोपी मुख्तार बाबा के बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट में काम करने वाला कर्मचारी है। पुलिस ने उसका नाम पता जुटा लिया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए एक टीम दबिश दे रही है। इससे साफ हो गया कि मुख्तार बाबा की हिंसा में फंडिंग करने के साथ ही पूरी तरह से संलिप्तता थी।