आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी अमित अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद हेमंत सरकार पर हमलावर है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कभी-कभी सोचता हूं कि झारखंड में अवैध खनन, सरकारी लूट, दलालों- बिचौलियों के माध्यम से सरकार चलाना, भ्रष्ट लोगों को प्रश्रय देना या अनियमितता करना, यहां तक तो सोचा जा सकता था। मगर सेना की जमीनों का सौदा ? यह तो स्तब्ध करने वाली बात है। सेना की जमीनों का एक संगठित गिरोह जिसमें निबंधन कार्यालय के बाबू से लेकर बड़े अधिकारी और बिचौलिए दलाल, सत्ताधारी तक शामिल थे। उन्होंने कहा कि बड़े अधिकारी तो कूटरचित दस्तावेजों को सत्यापित कर देते थे। हर भारतीय के लिए शौर्य, अदम्य साहस, पराक्रम और बलिदान के प्रतीक भारतीय सेना की जमीनों की दलाली करने वाले “राष्ट्रविरोधी” ही तो हैं। ये सब देख-सुन कर देश-दुनियां केदलाली करने वाले राष्ट्रविरोधी ही तो हैं ये सब देख-सुन कर देश-दुनियां के लोग क्या सोचते होंगे झारखंड और झारखंडी शासकों के बारे में? ये गंभीर सवाल है। बाबूलाल ने कहा कि झारखंड की सत्ता को चलाने वाला मशहूर बिचौलिय अमित अग्रवाल झारखंड ईडी की कार्रवाई में दूसरी बार गिरफ़्तार हुआ है। गहराई से जांच होगी तो न जाने कितने और सफेदपोश चेहरे और कई बेईमान पुलिस और प्रशासन के नौकरशाह बेनकाब होंगे, जो दलाल अमित को झारखंड की सत्ता का गॉड फादर और सुपर मुख्यमंत्री मानकर उसके आदेश पर सारे गलत काम किया करते थे। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अब तो कई अफसर ही अनौपचारिक बातचीत में बताते हैं कि अमित को लूटने और सत्ता को चलाने के साथ ही केस मुकदमा करवाने का ऐसा नशा चढ़ा हुआ था कि वह विरोध में उठने वाली आवाल को दबाने के लिए छोटे-बड़े में कोई फर्क नहीं करता था। बाबूलाल ने सवालिया लहजे में यह भी ट्वीट कर पूछा है कि अमित रांची आने पर कहां रहता था? किन लोगों से मिलता था? कौन-कौन अफसर उससे रात के अंधेरे में मिलने के लिये लाइन लगाते थे? अमित-प्रेम के अंगुलियों के इशारे पर नाचने और गलत करने वाले छवि रंजन अकेले नहीं थे। आगे जांच बढ़ेगी तो कई और बड़े चेहरे उजागर होंगे। अमित के स्वागत-सत्कार में पुलिस के दारोगा स्तर के अफसरों की अघोषित ड्यूटी एवं पुलिस की फौज किसके कहने पर कोन लगाता था? ईडी डायरेक्टर से अनुरोध करते हुए बाबूलाल ने कहा है कि अगर इन सब के बारे में सख्ती से पूछताछ करे तो ऐसे सारे चेहरे बेनकाब होकर जेल जाएंगे। जिन्होंने दलाल-बिचौलियों की सांठगांठ से झारखंड को लूट कर रसातल में पंहुचा दिया है। बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन को भी कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने ट्वीट कर सीएम से कई सवाल पूछे। बाबूलाल ने पूछा कि क्या ये सही है कि आपने सारे जिलों के एसपी को कह रखा है कि ऐसा कोई भी मुकदमा गलती से भी नहीं किया जाए जिसका इडी में प्रेडिकेट आॅफेस बन जाने की संभावना हो? क्या आपको समझ में आ गया है कि बिना वजह किसी पर भी मुकदमा कराने का वही नशा आज आपके गले का फांस बन रहा है। ऐसे ही मुकदमा के रास्ते ही आपका राजनैतिक पतन हो रहा है?बाबूलाल ने सीएम से ये भी पूछा कि क्या आपने घोटाले में खुद को इतना डूबा लिया है कि आपको इस बात का डर सता रहा है कि राज्य में कहीं भी घपले- घोटाले का मामला प्रेडिकेट आॅफेंस बनेगा तो आप और आपके परिवार के लोग जरूर फंस जाएंगे? क्या इसी वजह से पूजा सिंघल, बीरेंद्र राम, छवि रंजन जैसों पर मुकदमा / कार्रवाई कराने की फाइल को गोल-गोल घुमाव कर आप जलेबी बनवा रहे हैं? क्या आपको पता नहीं है कि ऐसा सब गलत गैरकानूनी काम करके आप और फंसते जा रहे हैं?