-एनजीटी के आदेश पर 15 अक्टूबर तक रहेगी रोक
-घर बनाना होगा महंगा, रियल इस्टेट कारोबार पर असर
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। मॉनसून के पूर्व झारखंड में घाटों और नदियों से बालू उठाव पर पूरी तरह रोक लगा दी गयी है। एनजीटी के आदेश के बाद 10 जून से 15 अक्टूबर तक नदियों से बालू का उठाव नहीं किया जाना है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा है कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने बालू उत्खनन गाइडलाइन 2016 में खनन के लिए कुछ प्रावधान तय कर रखा है। इसके मुताबिक बरसात के मौसम में नदी क्षेत्र से बालू नहीं निकाला जा सकता। बालू खनन पर रोक का सीधा असर रियल इस्टेट कारोबार पर पड़ेगा। इसके अलावा आम लोगों के लिए घर बनाना भी महंगा हो जायेगा। सरकारी निर्माण कार्य भी प्रभावित होंगे।
इधर झारखंड में सफेद बालू का काला कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। 18 हजार का बालू 28 हजार रुपये में बिक रहा है। राज्य के 608 बालू घाटों में से सिर्फ 17 घाटों से ही वैध तरीके से बालू का उठाव हो रहा है। इसलिए प्रदेश में ऐसी स्थिति बनी है। खनन पर रोक के बाद फिर बालू को लेकर बवाल होना तय माना जाना रहा है।
बता दें कि बालू घाटों की बंदोबस्ती से पहले सभी जिलों की डिस्ट्रिक्ट सर्वेक्षण रिपोर्ट (डीएसआर) तैयार करना जरूरी था। इस रिपोर्ट को इनवायरमेंट इंपैक्ट असेसमेंट कमेटी (सिया) को भेजना था, ताकि पर्यावरण स्वीकृति ली जा सके। पर्यावरण स्वीकृति के बाद ही किसी भी घाट का टेंडर किया जा सकता है।

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