आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। भाजपा का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो की शिकायत लेकर राजभवन पहुंचा। प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में पहुंचे 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को बताया कि स्पीकर संवैधानिक पद पर बैठकर राजभवन के खिलाफ अमर्यादित बयान दे रहे हैं। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात के करीब एक घंटे बाद बाहर निकला। दीपक प्रकाश ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष बार-बार संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन कर रहे हैं। स्पीकर का पद दलगत राजनीति से ऊपर है, लेकिन वे झामुमो के कार्यक्रम में झामुमो के झंडे और बैनर के नीचे असंसदीय और अशोभनीय बयान देते हैं। दीपक प्रकाश ने कहा कि अगर स्पीकर संविधान की इज्जत करते हैं, तो उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। भाजपा इस मामले को लेकर न्यायपालिका के भी दरवाजे खटखटायेगी। प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा, बालमुकुंद सहाय, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, विधायक सीपी सिंह और भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक शामिल थे। 25 जून को स्पीकर ने अपने विधानसभा क्षेत्र में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि राजभवन भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है। विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर आदिवासियों की पहचान सरना धर्म कोड को विधानसभा से पारित कर राजभवन को भेजा था, लेकिन राजभवन से बिल को लौटा दिया गया। इसके बाद 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति का विधेयक भी विधानसभा से पारित कर राजभवन भेजा गया था, उसे भी लौटा दिया गया।