लंबे इंतजार के बाद झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में कुलपति की नियुक्ति हो गयी है। बीआईटी सिंदरी के निदेशक धर्मेंद्र कुमार सिंह की नियुक्ति कुलपति के रूप में की गयी है। कुलाधिपति सह राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने इस नियुक्ति पर अपनी सहमति दे दी है। वहीं कुलाधिपति के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नितिन मदन कुलकर्णी के हस्ताक्षर से नियुक्ति संबंधी पत्र जारी कर दिया गया है। इनकी नियुक्ति तीन साल के लिए की गयी है।
धर्मेंद्र कुमार सिंह को जाने
बीआईटी सिंदरी के निदेशक डॉ डीके सिंह, बीआईटी सिंदरी के पूर्ववर्ती छात्र रहे हैं। ये संस्थान के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ब्रांच के 1984-88 बैच के छात्र रहे हैं। बीआईटी सिंदरी के निदेशक बनने से पहले ये एनआईटी पटना में इलेक्ट्रोनिक एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग में विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थे। इसके अतिरिक्त धर्मेंद्र कुमार सिंह वर्ष 1992 में बीआईटी सिंदरी में ही शिक्षक के पद पर योगदान दिया। वर्ष 2011 तक बीआईटी सिंदरी के शिक्षक रहे। 21 जनवरी 2017 को बीआईटी सिंदरी के निदेशक बनाए गए थे।
15 मई से रिक्त था कुलपति का पद
झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में कुलपति का पद 15 मई से रिक्त था। प्रभारी कुलपति डॉ विजय पांडेय की तीसरी सेवा अवधि बीते 15 मई को पूरी हो गई। जिसके बाद से पद रिक्त था। जेयूटी में कुलपति नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों का इंटेरैक्शन बीते 27 अप्रैल को पूरा हुआ। जिसमें 10 उम्मीदवार शामिल हुए थे। इनमें तीन नाम की अनुशंसा सर्च कमेटी की ओर से की गयी थी। स्थायी कुलपति के नहीं होने से जेयूटी का प्रशासनिक कामकाज बाधित हो गया था। अब नियुक्ति हो जाने से विवि के कामकाज में तेजी होने की उम्मीद जतायी जा रही है।
प्रभार भरोसे ही चलता रहा विवि
जेयूटी की स्थापना 2016 में हुई। इसके पहले वीसी डॉ गोपाल पाठक बनाए गए। 15 जून 2017 को उन्हें वीसी बनाया गया था। पहली बार इनका कार्यकाल पूरा होने के बाद तीन-तीन महीने का कार्यविस्तार दिया गया। इनके बाद दिसंबर 2020 में प्रो प्रदीप कुमार मिश्रा को कुलपति बनाया गया। इन्होंने जनवरी 2022 में कार्यकाल पूरा करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। इसके बाद डॉ विजय पांडेय कुलपति बनाए गए। इनका भी कार्यकाल पूरा हो गया।