पटना। बिहार में नीतीश की अगुवाई वाली महा गठबंधन दलों के नेताओं ने राज्य स्तर पर गुरुवार को केन्द्र सरकार के खिलाफ सामूहिक धरना का आयोजन किया, जिसमें पार्टी नेताओं के साथ जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए। सभी दलों के नेताओं ने एक मंच से केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ राज्य के 534 प्रखंडों पर संयुक्त रूप से धरना दिया है।
पटना के कुम्हरार में आयोजित धरना को संबोधित करते हुए जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ महागठबंधन के आंदोलन का आगाज हो चुका है। विपक्षी एकता की बैठक के बाद केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बिहार दौरे पर कहा कि यहां कोई आ जाए, अब कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की सरकार का जाना तय है।
मौके पर कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खां ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों से जनता परेशान है और जनता ने मन बना लिया है मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करना है। इस धरना को लेकर राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने बताया कि केन्द्र सरकार के खिलाफ महागठबंधन की ओर से राज्य स्तर पर यह पहला आन्दोलनात्मक कार्यक्रम है। महागठबंधन में शामिल दलों के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ ही सभी विधायक अपने अपने क्षेत्रों में आयोजित धरने में शामिल हुए। धरने के बाद अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सम्बद्ध प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंपा गया।
इस धरना में जातिगत गणना, महंगाई, बेरोजगारी, संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग, संविधान और लोकतंत्र पर बढ़ते हमले, दलितों और गरीबों के खाद्य, आवास और अन्य लाभकारी योजनाओं में लगातार हो रही कटौती, मनरेगा जैसी योजना में कटौती, किसानों की आय दोगुनी करने, एमएसपी को कानूनी मान्यता देने तथा इसका विस्तार कर सभी फसलों पर लागू करने, नफरत और उन्माद-उत्पात की राजनीति पर रोक लगाने के साथ हीं जन सरोकार से जुड़े अन्य मुद्दों को उठाया गया। धरना में महागठबंधन में शामिल सभी छह दलों राजद, जदयू, कांग्रेस, सीपीआई माले, सीपीएम और सीपीआई के नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए।