रांची। रांची झील (विवेकानंद सरोवर) को प्रदूषण मुक्त करने के लिए स्थानीय लोग पिछले 45 दिनों से अलग-अलग तरीके से लगातार सत्याग्रह कर रहे हैं। विवेकानंद सरोवर को बचाने के लिए रविवार को हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। इसमें जिसमें पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक सीपी सिंह भी शामिल हुए।
रांची झील बचाओ अभियान के बैनर तले सत्याग्रह करने वाले लोगों की एक ही मांग है कि राजधानी के अलग अलग इलाकों से नालियों के माध्यम से सरोवर में गिरने वाले कचड़े को रोका जाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से पहले नाले के पानी की सफाई हो, उसके बाद उस पानी को तालाब में गिराया जाए।
सीपी सिंह ने कहा कि जब वह शहरी विकास मंत्री थे, तब तालाब के सौंदर्यीकरण की पहल की गई थी। उस समय तालाब में गंदा पानी नहीं गिरे, इसके लिए एसटीपी यानी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की बात थी लेकिन काफी धीमी गति से एसटीपी का निर्माण कार्य चल रहा है। सीपी सिंह ने कहा कि जल्द ही वह जिला प्रशासन और नगर विकास के अधिकारियों से बात करेंगे । उन्होंने कहा कि न सिर्फ विवेकानंद सरोवर, बल्कि सभी जलाशयों का अस्तित्व बचाना बेहद जरूरी है।
झील बचाने के लिए चलाए गए हस्ताक्षर अभियान में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया और झील बचाने के अभियान का समर्थन किया। रांची झील बचाओ अभियान के संयोजक राजीव रंजन मिश्रा ने कहा कि आज उनके सत्याग्रह का 45 वां दिन है। बावजूद इसके जो तत्परता रांची नगर निगम, जिला प्रशासन और सरकार को दिखाना चाहिए था वह नहीं दिखा है। विधायक ने आश्वास दिया कि इस मुद्दे पर वह वरीय अधिकारियों से बात करेंगे।