देवघर। भाजपा के अंदर की राजनीति अब सार्वजनिक होने लगी है। लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद देवघर में आयोजित बीजेपी की बैठक में उठा विवाद अब राजनीतिक रंग लेने लगा है। उपजे विवाद के बाद देवघर बीजेपी के बीच का अंदरुनी विवाद अब खुल कर सामने आ गया है।
एससी समाज की नाराजगी
बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के बाद अब एससी समाज के लोगों ने भी सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एससी समाज के लोगों ने मंगलवार को निशिकांत दुबे पर दलितों का अपमान करने और अपने गुंडों को भेज कर गाली गलौज समेत जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल कराने के विरोध में आक्रोश मार्च निकाल कर निशिकांत दुबे का पुतला जलाया। विरोध करने वालों की मांग है कि सांसद सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें, वरना उनका प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा। बीते सोमवार को देवघर के एक स्थानीय होटल में बीजेपी के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू और लुइस मरांडी के नेतृत्व बीजेपी की एक समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया था। उस बैठक में काफी हंगामा हुआ।
थाने में हुई है लिखित शिकायत
बैठक में गोड्डा लोकसभा सीट पर पार्टी के प्रदर्शन को लेकर मंडल अध्यक्ष स्तर के पदाधिकारियों से बातचीत की जा रही थी। इसी दौरान सांसद निशिकांत दुबे के समर्थक भी वहां पहुंच गये, जिसके बाद बवाल शुरू हो गया। स्थानीय विधायक नसरायण दास ने सांसद पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपने समर्थकों से उनके साथ गाली गलौज और धक्का मुक्की कराने समेत जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। मामले में सांसद और विधायक समर्थकों ने एक दूसरे के खिलाफ थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी और दोपहर बाद से शाम तक दोनों के समर्थकों ने एक दूसरे का पुतला जला कर विरोध दर्ज कराया। बहरहाल, पार्टी के भीतर का अंतर्कलह अब खुल कर सामने आ गया है। ऐसे में अब पार्टी नेतृत्व अगर जल्द इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करता है, तो आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।