-अफीम की खेती को हर हाल में नष्ट किया जाये
-रांची शहर में अफीम, चरस, गांजा की रोकथाम के लिए अभियान चलायें
रांची। झारखंड हाइकोर्ट ने स्कूल एवं मंदिर के आसपास बार एवं रेस्टोरेंट चलाये जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसी जगहों पर बार एवं रेस्टोरेंट चलाने की अनुमति न दी जाये। लाइसेंस के टर्म एवं कंडीशन के तहत रात 12:00 बजे के बाद किसी भी हालत में बार एवं रेस्टोरेंट खुला नहीं रखना चाहिए। मोराबादी स्थित रूइन हाउस (बार एवं रेस्टोरेंट) को सुबह चार बजे तक भी खुला देखा गया है।
कोर्ट ने राजधानी रांची के मोरहाबादी में रूइन बार एंड रेस्टोरेंट के देर रात तक खुले रहने एवं चुटिया स्थित एक्सट्रीम बार में डीजे चलाने वाले युवक की गोली मार कर हत्या की घटना को संज्ञान में लेते हुए रांची डीसी, रांची एसएसपी और उत्पाद आयुक्त को कोर्ट में तलब किया। कोर्ट के आदेश के आलोक में ये तीनों अधिकारी कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए। कोर्ट ने इस बात पर कड़ी नाराजगी जतायी कि रात 12:00 के बाद भी रांची शहर के बार एवं रेस्टोरेंट खुले रहते हैं। कोर्ट ने मौखिक कहा कि संबंधित थाना के इंस्पेक्टर अगर इन बार एवं रेस्टोरेंट पर निगरानी रखते तो बार में गोलीबारी की घटना नहीं होती। पुलिस को रात में बार एवं रेस्टोरेंट में लगातार गश्त लगाने की जरूरत है, इससे आपराधिक घटनाओं पर रोक लगेगी।
कोर्ट ने कहा कि आज मोहल्लों के आसपास बार एवं रेस्टोरेंट खुल गये हैं, जिससे महिलाओं को घर से बाहर निकलना भी दूभर हो जाता है। मामले में कोर्ट ने नारकोटिक्स क्राइम ब्यूरो के अधिवक्ता से कहा कि सैटेलाइट मैपिंग के माध्यम से यह पता लगाने की कोशिश करें कि झारखंड के किन-किन जिलों में अफीम की खेती हो रही है और संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक अफीम की खेती को नष्ट करने की कार्रवाई करें। कोर्ट ने रांची एसएसपी से कहा कि रांची शहर में ड्रग्स यथा अफीम, चरस, गांजा की रोकथाम पर अभियान चलायें।
कोर्ट ने मौखिक कहा कि अगर पुलिस चाहे तो ड्रग सप्लायर को आसानी से पकड़ सकती है। कोर्ट ने अगली सुनवाई में रांची एसएसपी को ड्रग्स की रोकथाम में विफल रहने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई के संबंध में जानकारी मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 26 जून को होगी। बता दें कि खूंटी में अफीम के फसलों को नष्ट करने एवं झारखंड में अफीम, चरस, गांजा आदि ड्रग्स के कारोबार में लगातार वृद्धि पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है।