जामताड़ा। सिक्किम में भारी वर्षा के बाद हुए भूस्खलन के कारण सैकड़ों सैलानियों के साथ जामताड़ा के एक परिवार के सात लोग फंस गये हैं। सभी पिछले तीन दिनों से वहां फंसे हैं। हालांकि वे सुरक्षित हैं। मिली जानकारी के अनुसार जामताड़ा के मिहिजाम के रहने वाले राजू प्रसाद अपने परिवार के साथ 10 जून को सिक्किम के लिए रवाना हुए थे। 17 जून को सभी को वापस आना था, लेकिन वो अबतक नहीं लौंटे हैं। इस कारण उनके परिजन काफी परेशान हैं। उन्होंने मदद की गुहार लगायी है। बता दें कि फंसे हुए पर्यटकों को सड़क मार्ग से निकालने का काम सोमवार दोपहर को शुरू कर दिया गया है।

गुरुद्वारे के सेल्टर स्थान में फंसे हैं सभी
घटना के संबंध में राजू के पिता बैजनाथ प्रसाद ने बताया कि उनके बेटे राजू प्रसाद, मीरा देवी, भास्कर प्रसाद, भूमि प्रसाद, साक्षी प्रसाद, रितिक प्रसाद सिंह, कृष्णा प्रसाद सिक्किम के लिए 10 जून को रवाना हुए थे। उन्हें 17 जून को लौटना था। लेकिन वे लौटने के क्रम में ही फंस गये हैं। उन्होंने बताया कि उनके परिवार के साथ करीब 1200 भारतीय और 15 विदेशी पर्यटक फंसे हुए हैं। सभी लोगों को पास के ही एक गुरुद्वारे में सेल्टर दिया गया है।

फंसे हुए पर्यटकों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन
मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय अधिकारियों ने सभी फंसे हुए पर्यटकों से अनुरोध किया है कि वे अपने ठहरने के स्थान पर ही रहें और कोई भी जोखिम न लें। सभी फंसे हुए पर्यटकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए खाद्य आपूर्ति और राशन का पर्याप्त स्टॉक है। सिक्किम सरकार का पर्यटन और नागरिक उड्डुयन विभाग पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए संबंधित जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और मंगन जिले के पर्यटन अधिकारी के साथ-साथ स्थानीय पर्यटन हितधारकों के साथ मिल कर काम कर रहा है। विभाग ने प्राकृतिक आपदा के कारण संकट की इस अवधि के दौरान फंसे हुए पर्यटकों को हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। यह भी स्पष्ट किया है कि केवल लाचुंग ही राज्य से कटा हुआ है। सिक्किम के बाकी सभी हिस्से खुले हैं और यात्रा के लिए सुरक्षित हैं।

खाद्य आपूर्ति और मोबाइल नेटवर्क बाधित
गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी राज्य सिक्किम लगातार बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बारिश के कारण शुक्रवार सुबह तक यहां कई जगहों पर भूस्खलन हुआ। बारिश और भूस्खलन की अलग-अलग घटनाओं में अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है। भारी बारिश और भूस्खलन के चलते कई घरों, संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है और कई क्षेत्रों में सड़क संपर्क, बिजली, खाद्य आपूर्ति और मोबाइल नेटवर्क भी बाधित हो गये हैं।

 

 

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