सीओ ने 34.89 एकड़ की फर्जी जमाबंदी खोलकर चामा मौजा में 2.63 एकड़ जमीन का दाखिल खारिज किया
सुनील कुमार गुप्ता
कांके। राजधानी रांची से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कांके अंचल कार्यालय का विवादों से गहरा नाता रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि इस इलाके के जमीनों के दामों में बेताहाशा वृद्धि का होना। विवादों की कड़ी में एक नया नाम उभर कर सामने आया है वह है सीओ जयकुमार राम का इन्होंने पूर्व के सीओ से दो कदम आगे चलकर जमीन कारोबारी कमलेश कुमार के साथ अपनी दोस्ती निभाते हुए पार्टनर ही बन गए और अपने पार्टनर को अनुचित तरीके से लाभ पहुंचाने को लेकर सरकार द्वारा प्रदत्त जादुई डिजिटल हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर चामा मौजा के कई खातों की जमीनों के पंजी-2 में पहले से चली आ रही जमाबंदी को गायब कर कमलेश कुमार द्वारा बताए गए नाम की जमाबंदी खोल दी और हजारों, लाखों नहीं करोड़ों रुपए कमाने के लिए कमलेश कुमार का साथ दिया। श्री राम ने चामा मौजा के भाग संख्या 5 पेज संख्या 26 में जमाबंदी रैयत दुखन साहू पिता भानु साहू के नाम पर 39 खातों के विभिन्न प्लांट में जमीन का कुल रकवा- 34.89 एकड़ खोल दी। जमीन के आॅनलाइन जमाबंदी खोलकर हेरा फेरी की इसी कड़ी में अपने पार्टनर कमलेश कुमार को काफी लाभ पहुंचाया। इसी बीच कमलेश कुमार ने चामा मौजा की खाता संख्या–5, 19 और 75 जो आदिवासी खाते की जमीन है। इसके दस्तावेजों में जमीन का नेचर बदलकर हेराफेरी कर 263.4 डिसमिल जमीन बिक्री की और इसका दाखिल खारिज भी जय कुमार राम से कराया। इसका दाखिल खारिज वाद संख्या– 6246, 7200 व 10169 वर्ष 2023 -2024 है। इस दाखिल खारिज में राजस्व उप निरीक्षक रविंद्र प्रसाद ने सीओ का साथ दिया।

जब कमलेश कुमार के यहां ईडी की रेड पड़ी और एक करोड़ रूपया नगद सहित 100 राइफल के कारतूस मिले। तो सीओ साहब के होश ठिकाने लग गये। अपने किए कराए पर पानी फिरता देख अंचल अधिकारी जयकुमार राम ने अनुचित तरीके से जमीन में की गई आॅनलाइन हेरा फेरी को मिटाने में अपना दमखम लगा दिया और इन्होंने कमलेश कुमार के लिए जितने भी जमाबंदी खोली थी। सभी को गायब करना आरंभ कर दिया। कमलेश कुमार के यहां ईडी की रेड 21 जून को पड़ी। 21 जून को इन्होंने अंचल के चामा मौजा के भाग संख्या 5 पेज संख्या 26 में खोली गई 38.89 एकड़ फर्जी जमाबंदी को बदलकर उनके खातों को 01और प्लाट संख्या में 001 से 007 कर दिया। वही जमाबंदी रैयत दुखन साहू के नाम को हटाकर अज्ञात कर दिया। जबकि कुल रकबा 13. 2136 डिसमिल कर दिया। लगान रसीद निर्गत होने का आॅप्शन हटा दिया। जानकार सूत्रों और कांके के अंचल कर्मियों ने बताया कि जिस दिन से कमलेश कुमार के यहां ईडी की छापा पड़ी है। उसे दिन से सीओ जय कुमार राम कार्यालय आए ही नहीं है और इन्होंने अपने कारनामों को छुपाने के लिए इन खातों से जितने भी दाखिल खारिज हुए हैं। उनको रद्द करने को लेकर रांची बैठे आला अधिकारियों को पत्र लिखा है। ताकि नौकरी के साथ-साथ ईडी की निगाहों से भी सुरक्षित हो सके। क्योंकि जादुई डिजिटल ह्स्ताक्षर से पंजी 2 गायब करने में जयकुमार राम माहिर है। लेकिन अपने द्वारा किए गए ही दाखिल खारिज को ये जादूई डिजिटल से गायब नहीं कर सकते हैं।

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