-अजय शर्मा
रांची। (आजाद सिपाही) बड़गार्इं अंचल की जिस जमीन को लेकर विवाद चल रहा है, वह पूरी तरह से निजी जमीन है। इस भूखंड के मालिक पूर्व मुख्यमंत्री और जेएमएम नेता हेमंत सोरेन नहीं हैं और न ही उनके कब्जे में यह भूखंड है। इसी जमीन में मनी लांडिंÑग का आरोप लगा कर हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को इडी ने जेल भेज दिया है। हैरत की बात यह है कि अब तक इडी की ओर से कोई ऐसा पुख्ता दस्तावेज न्यायालय के सामने नहीं रखा गया है, जिससे इसकी पुष्टि हो कि इस भूखंड के मालिक हेमंत सोरेन हैं। सारी कार्रवाई दूसरे के दूसरे के साथ चैट और बयान के आधार पर मनगढंत तरीके से की गयी है। इससे लगता है कि हेमंत सोरेन को केंद्र बिंदु बनाया गया है। हाइकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट की वरीय अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने हेमंत सोरेन का पक्ष रखते हुए इडी पर यहां तक आरोप जड़ दिया कि यह मामला मनी लांड्रिंग का है ही नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रतिशोध का है। अधिवक्ता ने उच्च न्यायालय के समक्ष यह भी कहा था कि बड़गार्इं अंचल के अधीन जिस जमीन को लेकर विवाद है, उसकी खरीद-फरोख्त हेमंत सोरेन के जन्म से पहले की गयी है।
यह मनी लॉन्ड्रिंग नहीं, राजनीतिक प्रतिशोध का मामला
हेमंत सोरेन की ओर सुप्रीम कोर्ट की वरीय अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने अदालत को बताया कि यह मनी लॉन्ड्रिंग का नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है। केंद्र सरकार द्वारा इडी का दुरूपयोग दुर्भावनापूर्ण तरीके से किया गया है।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि विनोद सिंह के वॉट्सएप चैट में जिस 8.86 जमीन पर बैंक्वेट हॉल बनाने की बात कही जा रही है, वह उस जमीन का नहीं है। यह केवल इडी का अनुमान है। उनकी ओर से कहा गया कि सदर थाना में जो मामला दर्ज हुआ है, उसकी जांच अभी बाकी है। पुलिस की जांच में दूध और पानी अलग होगा। बगैर जांच पूरी हुए इडी कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है, इसलिए जमानत याचिका दाखिल की गयी है।
हेमंत का जन्म 1975 में हुआ और जमीन की खरीद-बिक्री 1970 में की गयी है
कोर्ट को यह भी बताया गया कि हेमंत सोरेन का जन्म वर्ष 1975 में हुआ और इस भूमि की खरीद-बिक्री 1970 के आसपास ही हो गयी थी। भानू प्रताप के पास से जो दस्तावेज बरामद हुए थे, उसमें हेमंत सोरेन का कहीं भी नाम नहीं था। जिस जमीन की बात की जा रही है, उसका एक भी टुकड़ा हेमंत सोरेन के नाम पर नहीं है। यह केस पूरी तरह बेबुनियाद है। हेमंत सोरेन को जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए।