रांची। दो साल से अधिक समय के बाद केंद्र सरकार ने झारखंड को पीएम आवास ग्रामीण से आवास बनाने की योजना पर अपनी सहमति दी है। इसकी सूचना राज्य सरकार को मिल गयी है। लगभग 1.20 लाख से अधिक आवास स्वीकृत किये जा सकते हैं। इस वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए आवास निर्माण का लक्ष्य संभवत: इसी माह झारखंड सहित सभी राज्यों को मिल जायेगें। हालांकि, इसकी पूरी विवरणी अभी तक विभाग को नहीं मिली है। जल्द ही जिलावार आंकड़ा केंद्र से भेजा जायेगा। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार बिहार को करीब 10-12 लाख तक आवास मिलने की सूचना है। अधिकारियों ने बताया कि बेघरों की संख्या को देखते है आवास बनाने का लक्ष्य मिल रहा है। संभावना है इसमें और बढ़ोतरी होगी। आवास निर्माण के लिए दो लाख रुपये दिये जायेंगे। इसके अलावा शौचालय, बिजली की सुविधा भी दी जायेगी। इस राशि से दो से तीन कमरें का आवास बनेगा।

केंद्र ने तीन करोड़ आवास बनाने का रखा है लक्ष्य
केंद्र में तीसरी बार सत्ता में वापस आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पहली कैबिनेट की बैठक मे ही तीन करोड़ आवास बनाने की स्वीकृति दी। ये आवास अगले पांच सालों में बनाये जायेंगे। सभी राज्यों का लक्ष्य इसके लिए निर्धारित किया गया है। तय समय पर आवास निर्माण कार्य कराया जायेगा। झारखंड सरकार ने 2021 में ही केंद्र से करीब दस लाख आवास की स्वीकृति की मांग की थी। केंद्र ने इसमें दो लाख लाभुकों का नाम डिलिट किया और कहा था कि ये योग्य नहीं हैण् शेष आठ लाख लाभुकों को आवास देना था, लेकिन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने यह शर्त लगा दी कि पहले से स्वीकृत आवास को पूरा करने के बाद ही नयी आवास योजना स्वीकृत की जायेगी। करीब तीन लाख आवास का काम पेंडिंग था, जिसे पूरा कराने का लक्ष्य दिया गया। हालांकि, राज्य सरकार ने कई दफा केंद्र से अनुरोध किया पर नया आवास नहीं मिला। राज्य सरकार ने इसके बाद यह आरोप लगाया कि केंद्र झारखंड के साथ सौतेलापन अपना रहा है। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के बेघरों के लिए राज्य योजना अबुआ आवास योजना प्रारंभ किया। पहले चरण में दो लाख लोगों का आवास स्वीकृत कराया गया। अब भी 30 से 35 हजार आवास का काम पेडिंग है।

 

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