रांची। अवैध कोयला कारोबार के खिलाफ झारखंड पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर बोकारो रेंज के डीआइजी सुरेंद्र झा ने छापेमारी करायी। डीआइजी की टीम ने बोकारो जिला के पेटरवार, बालीडीह और धनबाद जिला के बरवाअड्डा, सोनारडीह, महुदा और भातडीह इलाके में छापेमारी की। इस दौरान पुलिस की टीम चार कोयला लोड ट्रक, एक जेसीबी और करीब 150 कोयला बरामद किया है। इस मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।

झारखंड के 13 जिलों में कोयले का अवैध खनन हो रहा है। इनमें लातेहार, हजारीबाग, रामगढ़, धनबाद, चतरा, गिरिडीह, बोकारो, रांची, दुमका, गोड्डा, पाकुड़, पलामू और जामताड़ा जिला शामिल है। पिछले ढाई साल के दौरान इन 13 जिलों में कोयला के अवैध खनन को लेकर 2229 मामले दर्ज हुए हैं। कोयले का काला खेल तीन चरणों में होता है। पहले चरण में बंद खदान या चालू खनन क्षेत्रों से गिरोह के सदस्य कोयला खनन कर एक स्थान पर एकत्रित करते हैं। दूसरे गिरोह के सदस्य एक निश्चित स्थान पर एकत्रित कोयले को साइकिल या मोटरसाइकिल पर लोड कर गिरोह के संचालक के पास पहुंचते हैं, जहां से गिरोह का संचालक ट्रकों पर लोड कर इसे बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश भेजता है। राज्य के बाहर अवैध कोयला को वैध तरीके से भेजने के लिए फर्जी चालान भी तैयार किया जाता है। एक ही चालान के माध्यम से कई वाहन अवैध तरीके से बाहर भेजे जाते हैं।

कोयले का सबसे ज्यादा अवैध खनन बीसीसीएल, सीसीएल सहित अन्य कोल कंपनियों की बंद और खुली खदानों से होता है। इसके अलावा बंद मुहानों को फिर से खोदकर भी कोयले का अवैध खनन किया जाता है। अवैध खनन में तस्कर बाकायदा मजदूरों को भी दिहाड़ी में बहाल कर रखा है। वहीं एक्टिव खदानों से भी अवैध खनन का दावा है। मुख्य रूप से कोयला के अवैध खनन रोकने का जिम्मा बीसीसीएल, सीसीएल, सीआइएसएफ, इसीएल, जिला प्रशासन, पुलिस और वन विभाग का है।

 

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