रांची। झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने शुक्रवार को कहा कि 148 दिन के बाद एक बड़ी राहत मिली है, जब झारखंड हाइकोर्ट ने जमानत दी है। हम शुरू से इस बात को कह रहे थे और हेमंत सोरेन ने विधानसभा के पटल पर भी यह बात रखी थी। कहा था कि 8 एकड़ रकबा वाली जमीन की अगर एक छटांक जमीन भी हमारे नाम पर होगी, तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। सुप्रियो ने कहा कि हेमंत सोरेन के कठोर प्रण वाली बातों में इमानदारी और सच्चाई भरी थी। इस जमानत के आदेश से उन पर मुहर लगी है, जो आरोप लगे थेए यह कहीं से भी साबित नहीं हो पाये।
कहा कि जमानत कोई आसान शब्द नहीं है। यह झारखंड के लोगों के विश्वास की जमानत है। लोकसभा चुनाव के पूर्व एक सुनियोजित साजिश के तहत विरोधी चाहते थे कि एक प्रखर नेता हेमंत सोरेन की आवाज को शांत किया जाये। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इंडी गठबंधन के प्रखर नेता के पैरों में बेड़ियां लगाने की साजिश रची गयी। हाथों में हथकड़ी, पैरों में बेड़िया डाली गयी थी कि चुनाव को प्रभावित किया जा सके। आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय बीजेपी की कठपुतली था, जो उसके इशारों पर काम कर रहा था, ताकि चुनाव में एनडीए को बढ़त मिले। आदिवासियों ने दिखा दिया कि झारखंड में आदिवासियों की एक भी सीट बीजेपी के खाते में नहीं गयी। अगर चुनाव के दौरान हेमंत सोरेन बाहर रहते तो आज पूरे देश की राजनीतिक स्थिति कुछ अलग रहती। राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष नहीं बल्कि प्रधानमंत्री होते। झारखंड में और 9 सीटें और पूरे देश में कम से कम 30 सीटों का इजाफा इंडी गठबंधन का होता। सुप्रियो ने कहा कि साजिश का अंत हो गया।
बीजेपी की गीदड़ भभकी हमें डरा नहीं सकती
कहा कि भुंइहरी जमीन को लेकर जो आरोप लगे, वह भी आठ एकड़ के। पूरे झारखंड का क्षेत्रफल 79 हजार 710 किलोमीटर का है। वह पूरा क्षेत्र हेमंत सोरेन का है। बीजेपी की गीदड़ भभकी डरा नहीं सकती। 30 जून हूल दिवस है। झारखंड क्रांतिकारियों की जमीन है और संघर्ष हमारे डीएनए में है। हम देश के आदिवासियों, दलितों, अल्पसंख्यकों की आवाज को नहीं छोड़ सकते। युवाओं की उम्मीद के साथ हम खिलवाड़ नहीं कर सकते। सुप्रियो भट्टाचार्य ने झारखंड हाइकोर्ट के साथ-साथ तमाम लोगों का आभार जताया।