रामगढ़। रामगढ़ शहर के विद्यानगर मोहल्ले में सुशीला देवी (60) की हत्याकांड को अंजाम देने वाले चार अपराधी अभी तक पुलिस के चंगुल से बाहर हैं। उनकी गिरफ्तारी हो भी तो कैसे? अभी तक उनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है। कहां से आए थे वे अपराधी? कौन है वो चार लोग? पुलिस अभी तक उनकी पहचान तक नहीं जानती है। पुलिस ने पतरातू बस्ती और विद्यानगर मोहल्ले से जितने वीडियो फुटेज जुटाएं हैं, वह सारे वीडियो मृतका के परिजनों को दिखाए गए हैं। पति अशर्फी प्रसाद, बेटा रोहित राजा और बेटी अल्का पाल दर्जनों पर उस वीडियो फुटेज को देख चुके हैं। लेकिन उन लोगों ने भी उन चार अपराधियों को पहचानने से इनकार कर दिया है। सबसे बड़ी बात यही है कि उस मोहल्ले में उन चार अपराधियों को किसी ने पहले नहीं देखा है। तीन लड़के और एक लड़की के गैंग में जिस तरीके से सुशीला देवी की निर्मम हत्या की है, उससे पूरा इलाका दहशत में है। हर कोई यह जानने की कोशिश कर रहा है कि आखिर वह चार शख्स कौन थे?

घर परिवार के अलावा रिश्तेदारों के बीच भी खंगाली जा रही बात
मृतका सुशीला देवी के परिजनों ने बताया कि इस निर्मम हत्या के बाद उनका पूरा परिवार सदमे में है। लेकिन अपराधियों को पकड़ने के लिए वे लोग जी जान लगा रहे हैं। परिवार के सदस्यों के अलावा रिश्तेदारों से भी बात की जा रही है। उन्हें उम्मीद है कि कोई ऐसा संकेत जरूर उन्हें मिलेगा जिससे अपराधियों की पहचान हो सके। जितने भरोसे के लोग हैं उन लोगों से अशर्फी प्रसाद का परिवार लगातार संपर्क कर रहा है। इसके अलावा उन तथ्यों पर भी वे जोर डाल रहे हैं जो उनके अतीत से जुड़ा हुआ है।

दो साल पहले रिटायर हुए अशर्फी के अतीत को कंगाल रही पुलिस
रामगढ़ पुलिस पिछले चार दिनों से अपराधियों को पकड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। रामगढ़ एसपी डॉ बिमल कुमार ने एसआईटी का गठन किया, तो वह टीम भी लगातार अपराधियों के लिए सबूत जुटा रही है। लेकिन अभी तक उन्हें ऐसा कुछ नहीं मिला है। अपराधी जिस रास्ते से भागे हैं, उस रास्ते में पुलिस को कई स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए दिखाई तो दिए, लेकिन उसका बैकअप पुलिस को नहीं मिल पाया है। कई ऐसे सीसीटीवी कैमरे थे जो महज दिखावे के लिए लगाए गए हैं। ऐसे में पुलिस को अपराधियों को पकड़ने और उनकी पहचान करने में काफी परेशानी हो रही है।

कैथा और एनएच-23 के रास्ते भी फरार हुए हैं कुछ अपराधी
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद कुछ अपराधी विद्यानगर से प्राइम हॉस्पिटल होते हुए कैथा गांव और एनएच-23 के रास्ते भी फरार हुए हैं। लेकिन सीसीटीवी का स्पष्ट फुटेज नहीं मिलने के कारण पुलिस अपराधियों तक पहुंचने में काफी पीछे रह जा रही है। जब तक वे चार शातिर अपराधी नहीं पकड़े जाते हैं, तब तक उसे पूरे इलाके में दहशत का माहौल कम होने का नाम नहीं लेगा। जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है वैसे-वैसे अपराधी भी पुलिस के चंगुल से दूर और बहुत दूर होते जा रहे हैं।

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