अहमदाबाद। एयर इंडिया दुर्घटना में गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त ब्लैक बॉक्स के विस्तृत विश्लेषण के लिए उसे अमेरिका भेजे जाने की तैयारी है। हादसे में आग लगने से ब्लैक बॉक्स को व्यापक नुकसान पहुंचने के कारण भारत में डेटा हासिल करना संभव नहीं हो पाया है।

एयर इंडिया बोइंग 787 दुर्घटना में गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (डीएफडीआर) की जांच वाशिंगटन स्थित नेशनल सेफ्टी ट्रांसपोर्ट बोर्ड (एनटीएसबी) की प्रयोगशाला में की जाएगी। एनटीएसबी की टीम भारतीय अधिकारियों की सुरक्षा और निगरानी में उसे अपनी प्रयोगशाला में ले जाएगी। यूनाइटेड किंगडम की वायु दुर्घटना जांच शाखा के प्रतिनिधि विश्लेषण में भाग लेंगे, क्योंकि हताहतों में 53 ब्रिटिश नागरिक भी शामिल थे।

इन रिकॉर्डिंग उपकरणों से डेटा प्राप्त करने में दो दिन से लेकर कई महीनों तक का समय लग सकता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि उपकरण कितनी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुई है। जांच के नतीजे भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) के साथ साझा किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार जांच का नेतृत्व उस देश द्वारा किया जाना चाहिए जहां दुर्घटना हुई हो।

एएआईबी ने पिछले साल दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय में एक प्रयोगशाला स्थापित की थी, लेकिन अभी तक रिकॉर्डर से डेटा निकालने के लिए इसे पूरी तरह सुविधायुक्त नहीं बनाया गया है।

दुर्घटना की जांच के दौरान ब्लैक बॉक्स महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर समय, ऊंचाई और हवाई गति सहित आवश्यक तकनीकी मापों को कैप्चर करता है, जबकि सीवीआर कॉकपिट से महत्वपूर्ण ऑडियो डेटा संग्रहित करता है, जिसमें पायलट संवाद और कॉकपिट सिस्टम से इलेक्ट्रॉनिक चेतावनी संकेतों जैसी पृष्ठभूमि ध्वनियाँ शामिल हैं।

फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर), जिसे ब्लैक बॉक्स के रूप में जाना जाता है, चमकीले नारंगी रंग से रंगे होते हैं और विमान के टेल सेक्शन के पास होते हैं, जहाँ दुर्घटना का प्रभाव आमतौर पर न्यूनतम होता है। हालाँकि, दुर्घटना के प्रभाव या उसके बाद आग पकड़ने से इसमें काफी नुकसान का अंदेशा रहता है।

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