नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की अपनी तीन देशों की यात्रा पूरी करने के बाद गुरुवार को स्वदेश लौट आए। यह यात्रा रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने, द्विपक्षीय संबंधों को नया आयाम देने और वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से की गई थी।

प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए दिल्ली हवाई अड्डे पर मंत्रिमंडल के सदस्य, वरिष्ठ अधिकारी और भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे। यात्रा की पहली कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी साइप्रस पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडुलाइड्स से मुलाकात की। दोनों देशों ने ऊर्जा, आईटी और निवेश के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। भारत और साइप्रस के बीच दोहरे कराधान से बचाव समेत तीन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।

कनाडा यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी से मुलाकात की और आपसी व्यापार, शिक्षा एवं सुरक्षा के मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने टोरंटो में बसे भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की प्रगति में प्रवासी भारतीयों की भूमिका अहम है। कनाडा के साथ अनुसंधान और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े समझौतों को भी अंतिम रूप दिया गया।

यात्रा के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री क्रोएशिया पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति जोरान मिलानोविच और प्रधानमंत्री आंद्रे प्लेंकोविच से बातचीत की। इस दौरान योग, आयुर्वेद और पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर विचार किया गया।

प्रधानमंत्री की यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब भारत विश्व मंच पर अपनी मजबूत स्थिति स्थापित कर रहा है। जानकारों का मानना है कि यह यात्रा भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘लिंक वेस्ट’ नीति को संतुलित रूप से आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है।

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