वाशिंगटन। संयुक्त राज्य अमेरिका में खतरनाक जहरीले फंगस (कवक) की तस्करी के आरोप में चीन की एक महिला वैज्ञानिक को पकड़ा गया है। इस फंगस का इस्तेमाल खेत-खलिहानों में फसलों को खराब करने के लिए किया जाता है। इस मामले में एफबीआई एजेंट इस महिला के पुरुष मित्र की भी तलाश कर रहे हैं। वह भी चीन की नागरिक और वैज्ञानिक है। एफबीआई निदेशक काश पटेल ने कहा है कि गिरफ्तार की गई युनकिंग जियान की उम्र 33 वर्ष है।

एफबीआई निदेशक काश पटेल ने बयान में कहा है कि एफबीआई ने चीन की महिला नागरिक युनकिंग जियान को अमेरिका में खतरनाक खतरनाक जहरीले फंगस (कवक) के साथ गिरफ्तार किया है। जियान पर आरोप है कि उसने ‘फ्यूजेरियम ग्रैमिनियरम’ नामक खतरनाक कवक की तस्करी की है। यह कृषि पर आतंकी हमला जैसा है। आरोपित ‘आतंकवाद एजेंट’ है। मिशिगन विश्वविद्यालय की इस शोधार्थी की गिरफ्तारी चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा कि यह कवक ‘हेड ब्लाइट’ नामक बीमारी का कारण बनता है। यह गेहूं, जौ, मक्का और चावल में प्रवेश कर मनुष्य और पशुओं दोनों के स्वास्थ्य में गंभीर समस्याएं उत्पन्न करता है । यह कवक हर साल दुनिया भर में अरबों डॉलर के आर्थिक नुकसान के लिए जिम्मेदार है। काश पटेल ने कहा कि साक्ष्य यह भी संकेत देते हैं कि जियान ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादारी व्यक्त की। इस कवक के लिए चीन सरकार से धन प्राप्त किया।।

उन्होंने कहा कि जियान के पुरुष मित्र जुनयोंग लियू पर भी ऐसा ही आरोप है। वह चीन के एक विश्वविद्यालय में काम करता है। लियू पर आरोप है कि उसने पहले झूठ बोला फिर स्वीकार किया कि उसने फ्यूजेरियम ग्रैमिनेरम की तस्करी भी अमेरिका में की थी, जिससे वह भी मिशिगन विश्वविद्यालय में शोध कर सके। एफबीआई निदेशक पटेल ने कहा कि इससे साबित होता है कि चीन अमेरिकी संस्थाओं में घुसपैठ करने और देश की खाद्य आपूर्ति को लक्षित करने के लिए काम कर रहा है। वह अमेरिकी जीवन और अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाना चाहता है।

एनबीसी न्यूज की खबर के अनुसार, मिशिगन के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने बयान में कहा कि युनकिंग जियान और जुनयोंग लियू पर साजिश, तस्करी, झूठे बयान और वीजा धोखाधड़ी का संगीन इलजाम है। जियान की गिरफ्तारी के बाद लियू के ठिकानों को तलाशा जा रहा है। मंगलवार को संघीय आरोपपत्रों को सीलबंद कर दिया गया। गिरफ्तार की गई युनकिंग जियान मिशिगन विश्वविद्यालय में पोस्ट डॉक्टरल फेलो है। एफबीआई एजेंटों ने लियू और जियान के बीच 2022 के वीचैट संदेशों को काफी खतरनाक माना है। इनमें संयुक्त राज्य अमेरिका में बीजों की तस्करी पर चर्चा की गई थी।

संघीय अदालत ने मंगलवार की सुनवाई में जियान को सलाखों के पीछे रहने का आदेश दिया। इस पूरे प्रकरण की जांच एफबीआई काउंटर इंटेलिजेंस डिवीजन ने की है। अमेरिकी अटॉर्नी जेरोम गोरगन ने कहा है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के एक वफादार सदस्य सहित चीन के इन दोनों नागरिकों की कथित हरकतें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर चिंता का विषय हैं। इस संबंध में मिशिगन विश्वविद्यालय ने चीन की शोधार्थी की इस हरकत की निंदा की है। विश्वविद्यालय ने कहा कि वह जांच में हरदम सहयोग करेंगे।

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