पटना। बिहार के पटना, गयाजी और दरभंगा जिले के एयरपोर्ट से संचालित होने वाले विमानों के टिकट के दाम सस्ते होने वाले हैं। नीतीश कैबिनेट ने एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) की दर में 25 प्रतिशत की कटौती की है। एटीएफ पर वैट की दर 29 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दी गयी है। लंबे समय से बिहार के लोगों की शिकायत थी कि यहां आने वाले विमानों की टिकट दर काफी अधिक है। अब नीतीश सरकार ने उनकी शिकायतों को दूर कर दिया है।

नीतीश कैबिनेट की ओर से लिये गये फैसले के बाद जहां एटीएफ पर पहले 29 प्रतिशत वैट लगता था, वहीं अब सिर्फ 4 प्रतिशत लगेगा। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद बिहार के तीनों एयरपोर्ट पटना, गयाजी और दरभंगा से उड़ान भरने वाले विमानों के टिकट के दाम आने वाले दिनों में सस्ते होंगे। साथ ही विमानों की संख्या भी बढ़ेगी।

इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। इसमें कुल 47 एजेंडों पर मुहर लगी। इसमें एक फैसला वाणिज्य एवं कर विभाग का भी रहा। इसके तहत बिहार में रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत एविएशन टर्बाइन फ्यूल की दर को एक (1) प्रतिशत पर यथावत रखने का निर्णय लिया गया। साथ ही अन्य मामलों में एटीएफ की बिक्री पर राज्य सरकार द्वारा आगे से 4 प्रतिशत वैट ही लगाया जाएगा।

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए विमान ईंधन- एविएशन टरबाइन फ्यूल यानी एटीएफ ( ATF) पर मूल्य वर्धित कर (वैट) की दर 29 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दी है। यह कदम बिहार में हवाई सेवाओं को प्रोत्साहन देने और निवेश के माहौल को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उन्हाेंने कहा कि राज्य सरकार का यह निर्णय बिहार को उन अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाएगा, जिन्होंने पहले ही एटीएफ पर वैट घटाकर हवाई यातायात को विस्तार देने में सफलता प्राप्त की है।

उन्होंने कहा कि इसके पहले केवल रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (RCS) के तहत 1 प्रतिशत और गया एयरपोर्ट के लिए 4 प्रतिशात वैट दर लागू थी। अब यह सुविधा दूसरे सभी हवाई अड्डों को भी मिलेगी।

अभी तक बिहार में एटीएफ पर वैट की दर 29 फीसदी थी। इससे विभिन्न एयरलाइन्स को विमानों का फ्यूल महंगा खरीदना पड़ रहा था। इसका असर यात्रियों के फ्लाइट किराये पर भी देखने को मिलता है। वैट कम होने से बिहार में हवाई यात्रा का किराया भी घटेगा। विमान कंपनियों को भी इससे फायदा मिलेगा और वह दूसरी चीजों में बेहतर सुविधायें देंगे।

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