भोपाल। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए श्रीराम पथ गमन, श्रीकृष्ण पाथेय और बुद्ध सर्किट के अनुसंधान और विकास की दृष्टि से मध्य प्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच एमओयू किया गया। साथ ही, दाेनाें प्रदेश के पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स, ट्रेवल एजेंट्स और होटल व्यवसायियाें के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावे के उद्देश्य से मप्र टूरिज्म बोर्ड द्वारा पर्यटन रोड शो का आयोजन किया गया। यह रोड शो आगामी माह में होने वाले मध्य प्रदेश ट्रैवल मार्ट और रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव की तैयारियों के दृष्टिगत किया गया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में अधोसंरचना विकास, पारंपरिक संस्कृति का संरक्षण एवं प्रोत्साहन और पर्यटन क्षेत्र में निजी सहभागिता को बढ़ावा देकर सुनियोजित एवं एकीकृत प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों से आज मध्य प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में असीम क्षमता और निवेश का आकर्षक क्षेत्र बन गया है।
उप मुख्यमंत्री गुरुवार को लखनऊ के होटल ताज में पर्यटन रोड शो में पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स, ट्रेवल एजेंट्स और होटल व्यवसाय से जुड़े हितधारकों को संबोधित कर रहे थे। कहा कि किसी भी क्षेत्र में तीव्र गति से विकास तीन क्रांतियों से होता है। औद्योगिक क्रांति, हरित क्रांति और पर्यटन क्रांति। इन तीनों क्रांतियों से स्वरोजगार और रोजगार के अवसर सृजित होते हैं। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश इन तीनों क्रांतियो के लिये सबसे उपयुक्त प्रदेश हैं।
रोड शो में उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश का सांस्कृतिक रूप से जुड़ाव रहा है। हमारे रीति–रिवाज, त्यौहार, खान–पान, रिश्ते–नाते एक जैसे हैं। मां गंगा से मां नर्मदा तक की यह यात्रा न केवल पर्यटकों को सुखद अनुभूति प्रदान करेगी बल्कि दोनों प्रदेश के संबंधों को भी प्रगाढ़ करेगी। उत्तर प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम और अभिनेता पंकज त्रिपाठी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
मप्र के पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा कि पर्यटन किसी भी राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक विकास की रीढ़ है। वर्तमान में पर्यटन उद्योग वैश्विक अर्थव्यवस्था में सबसे तेजी से बढ़ते उद्योगों में से एक है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पर्यटन अधोसंरचनाओं के निर्माण और पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश, अपनी प्राकृतिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक और धार्मिक संपदा के लिए प्रसिद्ध है। राज्य मंत्री लोधी ने मध्य प्रदेश की पर्यटन नीति और निवेश के अवसरों पर चर्चा करते हुए सभी से मध्यप्रदेश आने और प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने की अपील की।
मप्र पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव तथा टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से मध्यप्रदेश भारत का एक समृद्ध और विविधतापूर्ण राज्य है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के पर्यटन में काफी समानता है। बाबा महाकाल और बाबा काशी विश्वनाथ दुनियाभर के श्रृद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। दोनों ही ज्योर्तिलिंग को जोड़ने के लिये काशी विश्वनाथ महाकाल एक्सप्रेस संचालित होती है। गंगा और नर्मदा पर्यटन कॉरिडोर प्रस्तावित परियोजना के तहत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ा जाएगा। प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर से गुजरने वाले इस गलियारे में दोनों राज्यों के बीच पर्यटन सहयोग को बढ़ावा के साथ पर्यटकों को एक समृद्ध और विविध अनुभव मिलेगा। धार्मिक, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य और विरासत पर्यटन को आकर्षित करने में सहयोग भी प्राप्त होगा।
उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश की यात्रा पहले से कहीं अधिक सुविधाजनक हो गई है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों जैसे लखनऊ, वाराणसी, आगरा, कानपुर और प्रयागराज मध्य प्रदेश के ग्वालियर, खजुराहो, भोपाल, इंदौर और जबलपुर से हवाई यात्रा सुलभ है। इसके साथ ही रेल मार्ग से रीवा, ओरछा, ग्वालियर खजुराहो जुड़े हुए हैं। मध्य प्रदेश पहुंचने के बाद पर्यटकों के लिए मजबूत और सुगम सड़क नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध है, जिससे राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों तक सरल एवं कम समय में सुविधापूर्वक यात्रा की जा सकती है।