अब देश में ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत सुपर कंप्यूटर बनाए जाएंगे। इसका निर्माण तीन चरणों में होगा। इस परियोजना के तहत तीन चरणों में 50 सुपर कंप्यूटर तैयार करने का लक्ष्य है।

इस परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटर मिशन के शुरुआती दो चरणों में देश में ही तीव्र गति वाले इंटरनेट स्विचों और कंप्यूटर नोड्स जैसे उप तंत्रों का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना की 4500 करोड़ रुपये लागत होगी।

इन सुपर कंप्यूटर्स के निर्माण के पीछे सरकार की योजना, इन्हें देशभर के वैज्ञानिक अनुसंधानों के लिए उपलब्ध कराना है।

इस प्रोजेक्ट को पिछले साल मार्च में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने मंजूरी दी थी। इस परियोजना पर इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय के तहत आने वाला अनुसंधान एवं विकास संस्थान सीडैक पुणे कार्य कर रहा है।

विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक मिलिंद कुलकर्णी की निगरानी में चल रहे इस प्रोजेक्ट को लेकर उन्होंने कहा कि पहले चरण में छह सुपर कंप्यूटर बनाने की योजना है, जिनमें तीन सुपर कंप्यूटर आयात किए जाएंगे। बाकी तीन सुपर कंप्यूटरर्स के हिस्सों का निर्माण विदेश में किया जाएगा, लेकिन उन्हें जोड़ा भारत में जाएगा। कुलकर्णी ने आगे बताया कि परियोजना के तीसरे चरण में लगभग पूरे सिस्टम का निर्माण भारत में किया जाएगा।

गौरतलब है कि भारत ने साल 1988 में अपने खुद के सुपर कंप्यूटिंग मिशन की शुरुआत की थी। शरू में प्रथम श्रेणी के परम कंप्यूटर का निर्माण किया गया था। इस समय भारत के विभिन्न संस्थानों में लगभग 25 सुपर कंप्यूटर हैं।

 

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