वाशिंगटन. अमेरिकी नौसेना ने फारस की खाड़ी में दुनिया के सबसे शक्तिशाली लेजर हथियार (लॉज) का सफल परीक्षण किया है. प्रकाश की गति से लेजर किरणों का प्रवाह करने वाला यह हथियार पल भर में ड्रोन विमान को पिघलाने की कूव्वत रखता है. बैलिस्टिक मिसाइलें कहीं नहीं ठहरतीं एक अमेरिकी वेबसाइट के मुताबिक ‘लॉज’ हवा के साथ-साथ जमीन और समुद्री सतह पर मौजूद लक्ष्यों को भी निशाना बनाने में सक्षम है. यह अंतरमहाद्विपीय बैलेस्टिक मिसाइलों से 50 हजार गुना तेज रफ्तार से लेजर किरणें छोड़ता है. अमेरिकी नौसेना ने अपने यूएसएस पोंस जहाज पर इसकी तैनाती की है. जहाज के कप्तान क्रिस्टोफर वेल्स ने बताया कि ‘लॉज’ से निकलने वाली लेजर किरणें बुलेट से ज्यादा सटीक और गंभीर वार करती हैं. इनका तापमान कई हजार डिग्री सेल्सियस होता है.

परीक्षण के दौरान इन्हें जिस ड्रोन पर दागा गया, वह पल भर में धूं-धूं कर जल उठा. ‘लॉज’ के हमले से बच पाना आसान नहीं क्रिस्टोफर ने दावा किया कि दुश्मन देशों के विमानों और जहाजों के लिए ‘लॉज’ के हमले से बच पाना आसान नहीं होगा. इससे निकलने वाली लेजर किरणें विद्युतचुंबकीय स्पेक्ट्रम के अदृश्य क्षेत्र में आती हैं. नतीजतन इन्हें देखना मुश्किल होता है. यही नहीं, ‘लॉज’ से जरा-सा भी शोर नहीं होता. यह चुपचाप अपने लक्ष्य को आग के गोले में तब्दील कर देता है. क्रिस्टोफर ने बताया कि ‘लॉज’ के संचालन के लिए तीन विशेषज्ञों की जरूरत पड़ती है. यह हथियार लेजर किरणें छोड़ने के लिए बिजली पर निर्भर है. बिजली उत्पादन के लिए इसमें एक छोटा जनरेटर लगाया गया है. खूबी -प्रकाश की गति से लेजर किरणें दागकर विमान को आग के गोले में बदल देता है ‘लॉज’ -हमले के लिए महंगे हथियारों-मिसाइलों की जरूरत नहीं, बिजली से पैदा लेजर किरणें काफी खर्च -4 करोड़ डॉलर (लगभग 260 करोड़ रुपये) लागत आई ‘लॉज’ के निर्माण पर -1 डॉलर (करीब 65 रुपये) खर्च होते हैं इससे एक बार लेजर किरणें छोड़ने पर |

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version