रांची: झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ की ओर से मोरहाबादी मैदान में पांच दिवसीय टेक्सटाइल एक्सपो का आयोजन 28 जुलाई से होने जा रहा है, जो एक अगस्त तक चलेगा। झारखंड राज्य में पहली बार टेक्सटाइल मेला व्यापारियों के लिए लगाया जा रहा है। इसमें 200 से भी अधिक नामी ब्रांडेड कंपनियों के स्टाल एक्सपो में लगेंगे। इसका लाभ झारखंड सहित पड़ोसी राज्य ओड़िशा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, बिहार, यूपी, बंगाल से आने वाले करीबन एक लाख व्यापारियों को प्राप्त होगा। झारखंड सहित पड़ोसी राज्यों के सभी खुदरा व्यवसायियों के लिए सबसे अच्छा और सुनहरा अवसर होगा। टेक्सटाइल एक्सपो में साड़ी, हैंडलूम, सूट, शर्टिंग, शूटिंग, ड्रेस मेटेरियल और क्लोथ की सारी क्वालिटी उपलब्ध रहेगी और उन व्यापारियों को इसका भरपूर लाभ मिल सकेगा। मेले के उद्घाटन की तैयारी शुरू हो गयी है। 28 जुलाई को दिन के 3 बजे इसका उद्घाटन होगा।
उद्घाटन समारोह में राज्य के तमाम मंत्री, सांसद, विधायक, महत्वपूर्ण राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी और सभी प्रमुख व्यवसायियों को आमंत्रित किया गया है। इसी प्रकार समापन समारोह एक अगस्त की शाम को होगा। हालांकि समापन समारोह के मुख्य अतिथि का नाम अभी तय नहीं है, लेकिन इसी प्रकार सारे महत्वपूर्ण लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है।
31 को आम नागरिकों के लिए खुलेगा मेला
थोक विक्रेता संघ के सभी सदस्य इस एक्सपो की सफलता के लिए दिन रात लगे हुए हैं। मेला का उदघाटन 28 जुलाई को किया जायेगा। मेला दिन के 10 बजे से 8:30 बजे तक कपड़े के खुदरा व्यापारियों के लिए खुला रहेगा। शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होगा। 28 जुलाई से 30 जुलाई तक मेले में खुदरा कपड़े के व्यापारियों के लिए प्रवेश रहेगा तथा 31 जुलाई एवं एक अगस्त को आम नागरिक को प्रवेश दिया जायेगा। अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने झारखंड सहित सभी राज्यों के कपड़े के खुदरा व्यापारियों से आग्रह किया है कि आप टेक्सटाइल एक्सपो में पधारें ंऔर यहां एक ही छत के नीचे अपने-अपने मनपसंद ब्रांडेड मिलों के विभिन्न क्वालिटी के कपड़े की उचित मूल्य पर खरीदारी कर लाभ उठायें।
अपनी तरह का पहला एक्सपो
थोक वस्त्र विक्रेता संघ के अनुसार यह अपनी तरह का अनोखा मेला है, जिसे टेक्सटाइल एक्सपो नाम दिया गया है। इसमें देश और दुनिया के तमाम बड़े वस्त्र निर्माता कंपनियों का जमावड़ा लगेगा। ये कंपनियां अपने सारे महत्वपूर्ण और पॉपुलर ब्रांड लेकर आ रही हैं। इनमें कई ऐसे ब्रांड और नाम हैं, जिनसे पहली बार झारखंडवासी रूबरू होंगे। दिलचस्प है कि पहले तीन दिन यह एक्सपो आम लोगों के लिए नहीं होगा, बल्कि सिर्फ कपड़ा व्यवसायियों खास कर थोक वस्त्र विक्रेताओं के लिए होगा। इसका उद्देश्य है कि तमाम बड़े कपड़ा उत्पादों से झारखंड और अन्य राज्यों के व्यवसायियों से परिचय कराना। इसके माध्यम से झारखंड में ऐसे ब्रांडेड वस्त्रों का व्यापार बढ़ेगा, जिनसे अब तक यहां के लोग परिचित नहीं थे। मेले के दौरान व्यवसायियों के लिए नियमित कार्यशाला का आयोजन भी होगा, जिसमें व्यवसायियों को तमाम उत्पादों की जानकारी दी जायेगी। इसके तहत ब्रांड वैल्यू, कीमत और उत्पाद से संबंधित सारी जानकारी दी जायेगी। अंतिम दो दिन जब मेला आम लोगों के लिए खुलेगा, तब इन वस्त्रों की बिक्री भी की जायेगी। इसी अनोखे प्रयास को लेकर यहां के कपड़ा व्यवसायी और संघ के सदस्य काफी उत्साहित हैं। आयोजन समिति के मीडिया प्रभारी प्रमोद शास्वत कहते हैं कि इस मेले से व्यवसाय जगत में बूम आयेगा।
हर दिन होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम
मीडिया प्रभारी प्रमोद शास्वत ने बताया कि टेक्सटाइल एक्सपो में हर दिन शाम में सांस्कृतिक और मनोरंजक कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। इसमें मुख्यत: बंगाल के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन और लोगों का मनोरंजन करेंगे। कोलकाता से बड़ी संख्या में विभिन्न कोटि के कलाकार आ रहे हैं। इस दौरान फैशन शो का आयोजन भी किया जायेगा, जिसमें कंपनियां अपने खास ब्रांडों का प्रदर्शन कर सकेंगी। इसके लिए विशेष तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि ये फैशन शो रंगारंग कार्यक्रमों के खास आइटम होंगे। प्रतिदिन शाम 5 से 8 बजे के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा।
लगातार बारिश के बीच मेला ले रहा आकार
टेक्सटाइल एक्सपो का भूमि पूजन समारोह 20 जुलाई को हुआ था। इसके अगले दिन से ही लगातार बारिश हो रही है। मूसलाधार बारिश के बीच संघ के सदस्यों की मेहनत का असर है कि मेला अब आकार लेने लगा है। संघ के सदस्य इसके लिए दिन-रात एक किये हुए हैं। यहां तक कि भूमि पूजन करनेवाले संघ के पूर्व अध्यक्ष दाऊलाल मोहता मोरहाबादी मैदान में लगातार जमे हैं और एक-एक कार्य की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उनके अलावा संघ के प्रवीण लोहिया, अनिल जालान, विनय मिढा, अनूप लाखोटिया, प्रमोद सारस्वत, मुकेश काबरा, संजय अग्रवाल, विवेक मोहता, उमाशंकर कानोडिया, अमरजीत गिरधर, शिव कुमार भावसिंका, अमित जैन सहित अन्य मेले को सफल बनाने में जुटे हैं।
पांच हैंगरों में 200 स्टाल, 250 टेक्सटाइल मैन्यूफैक्चरर
टेक्सटाइल एक्सपो के आयोजकों के अनुसार मोरहाबादी के विशाल मैदान स्थित मेला परिसर में पांच विशाल हैंगर बनाये जा रहे हैं। मेला परिसर में लगभग 200 स्टाल लगेंगे। सभी हैंगरों को ए, बी, सी, डी और ई नाम दिया गया है। चार हैंगरों में प्रति हैंगर 40 स्टालों के हिसाब से 160 स्टाल बनाये जा रहे हैं। इसके अलावा पांचवां हैंगर जर्मन स्टाइल का होगा। इसमें थोक वस्त्र विक्रेता संघ और टेक्सटाइल आयोजन समिति के अपने-अपने कार्यालय होंगे। पूछताछ केंद्र होगा और सदस्यों तथा अतिथियों के लिए विश्राम कक्ष भी होगा। शेष 40 स्टाल मेला परिसर में होंगे। साथ ही एक विशेष पंडाल होगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम और कार्यशाला आदि का आयोजन होगा।
मेला के दौरान विभिन्न तरह की प्रतियोगिताओं के आयोजन की भी योजना है। इनमें व्यवसायियों के अलावा अतिथियों और अंतिम दो दिनों में आम लोगों को भी भाग लेने का मौका मिलेगा। थोक वस्त्र विक्रेता इसे अपने व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण पहल मान रहे हैं। इसके माध्यम से थोक वस्त्र विक्रेताओं को दुनिया की थोक वस्त्र विक्रेता मंडी में हो रहे महत्वपूर्ण बदलावों की जानकारी मिलेगी। साथ ही उन्हें इसके माध्यम से अपना व्यापार बढ़ाने में मदद भी मिलेगी। एक्सपो में देश के 250 प्रतिष्ठित टेक्सटाइल मैन्यूफैक्चरर भाग लेंगे और साथ ही साथ देश के हर छोटे- बड़े टेक्सटाइल फर्म को अपने-अपने उत्पादनों को लोगों के सामने लाने का मौका मिलेगा। एक्सपो सुबह 10 से रात 8.30 बजे तक खुला रहेगा। कार्यशाला का आयोजन दोपहर बाद 3 बजे से प्रतिदिन होगा। शाम 5 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
2009 में रांची के पांच व्यवसायियों ने देखा था टेक्सटाइल एक्सपो का सपना
रांची के मोरहाबादी मैदान में शुक्रवार से मिनी भारत की सजनेवाली छंटा का सपना यहां के पांच व्यवसायियों ने आठ साल पहले देखा था। नामचीन व्यवसायी और सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण लोहिया के साथ शहर के चार और युवा व्यवसायी कोलकाता गये थे। वहां पर टेक्सटाइल एक्सपो लगा था। चूंकि ये व्यवसायी इसी पेशे से थे, लिहाजा उनके मन में यह भावना आयी कि क्यों नहीं हम रांची में भी अपने प्रयास से इस तरह का एक्सपो लगायें। चूंकि सपना बड़ा था और इस तरह का एक्सपो लगाने का कोई अनुभव नहीं था, लिहाजा मन मस्तिष्क उद्वेलित होने लगा। इस तरह का एक्सपो करना आसमान में सुराख करने जैसा था। लेकिन प्रवीण लोहिया के नेतृत्व में इन युवा व्यवसायियों ने हार नहीं मानी और मन में चिंतन-मनन चलने लगा।
तीन साल पहले जब प्रवीण लोहिया पर टेक्सटाइल संगठन की महती जिम्मेदारी आयी, तो उन्होंने मन ही मन यह ठान लिया कि उस सपने को किसी न किसी तरह वे और उनकी टीम सच करेगी। फिर क्या था। उसी दिन से व्यवसायियों की यह युवा टीम टेक्सटाइल एक्सपो की ब्लूप्रिंट बनाने में जुट गयी। पहले कंपनियों की सूची जुटायी गयी। फिर फोन पर उनसे विचार विमर्श होने लगा। इस बातचीत ने इस टीम को काफी उत्साहित किया और आज से एक साल पहले इस टीम ने यह ठान लिया कि हर हाल में रांची में टेक्सटाइल का महाकुंभ लगायेंगे।
शुरू हुआ कंपनियों से पत्राचार
एक साल पहले इस टीम ने एक कार्यालय बनाया और शुरू हुआ टेक्सटाइल कंपनियों से पत्राचार और बातचीत का सिलसिला। हर दिन इस टीम को इसमें सफलता मिलने लगी। और देखते ही देखते इस टीम ने लगभग 250 अग्रणी संस्थानों से संपर्क साध लिया। ये सभी इस एक्सपो में आने को राजी हो गये।
आज मोरहाबादी मैदान में टेक्सटाइल के मिनी भारत का जो रूप देखने में आ रहा है, वह इस बात का प्रतीक है कि अगर मन में कुछ करने की धुन हो, करने का माद्दा हो और आत्मविश्वास तो कोई भी काम असंभव नहीं है। कभी एक दर्जन नामचीन कंपनियों से परिचय नहीं था, आज कंपनियों का कारवां चल पड़ा है। हालत यह है कि अभी तक संस्थान इस टीम से स्टाल की मांग कर रहे हैं और यहां आने की उत्सुकता दर्शा रहे हैं।
मेहमाननवाजी ही हमारा आदर्श: प्रमोद सारस्वत
टेक्सटाइल एक्सपो के प्रवक्ता, व्यवसायी और सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद सारस्वत कहते हैं कि यहां पूरे भारत से हजारों लोग आ रहे हैं। इनकी मेनमाननवाजी का अवसर हम लोगों को मिला है। हमारे लिए मेहमान देवता तुल्य होते हैं। हम इनकी खातिरदारी में लगे हैं। हम यह कोशिश करेंगे कि ये लोग रांची और झारखंड के बारे में एक नया अनुभव और चमकती तसवीर लेकर जायें। हमारे सहयोगी इन मेहमानों की मेहमाननवाजी के लिए दिन रात एक किये हुए हैं।
सात होटलों में बुकिंग है मेहमानों की
टेक्सटाइल एक्सपो में आने वाले लोगों को रांची के विभिन्न होटलों में ठहराने की व्यवस्था है। अभी तक सात होटलों में बुकिंग हो चुकी है। व्यवसायी अपनी रेंज के हिसाब से होटल की बुकिंग करवा रहे हैं। प्रवीण लोहिया कहते हैं: इन्हें हम कंशेसनल रेट पर रूम दिलवा रहे हैं। हमारी कोशिश है कि कम रेट में इन व्यवसायियों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा होटलों में मिले।