चान्हो: झारखंड में 36 दिनों के अंदर चार किसानों की संदिग्ध मौत का मामला प्रकाश में आया है। ताजा घटना चान्हो के बेतलंगी गांव की है, जहां 22 वर्षीय किसान संजय मुंडा का शव उसके घर में ही फंदे से लटका पाया गया। घटना मंगलवार देर रात की है।
खेती में लगातार नुकसान: संजय के परिजन बताते हैं कि इस वर्ष खेती में संजय को लगातार नुकसान हो रहा था। उसने टमाटर लगाया था। कम कीमत होने के कारण नुकसान उठाना पड़ा। इसके बाद पत्ता गोभी लगायी, जो सही तरीके से तैयार नहीं हो पायी। कुछ दिनों पहले 15 केजी धनिया लगाया। इसमें भी नुकसान हो गया। पैसे के अभाव में वह धान की रोपनी भी अब तक नहीं शुरू कर पाया था।
परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य था संजय : संजय अपने परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य था। पंद्रह वर्ष पूर्व हल जोतने के दौरान उसके पिता चंदरू को पैर में हल्की चोट लगी थी। बाद में इंफेक्शन के कारण वह अपाहिज हो गये। बड़ा भाई इसी वर्ष जनवरी में कमाने के नाम से कहीं बाहर गया है। परिवार के लोगों को यह तक नहीं मालूम कि वह कहां है। संजय की तीन छोटी बहनें हैं-रीतू, गीता और सरिता। दो साल पूर्व संजय की मां फुलकुमारी की भी मृत्यु हो चुकी है।
बिचौलियों के खेल में पिस रहे किसान : इन दिनों सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं। ऐसे में किसी किसान को उसकी उपजायी सब्जियों का वाजिब मूल्य नहीं मिलना बड़ा सवाल खड़ा करता है। लोग बताते हैं कि यह सब बिचौलियों और जमाखोरों का खेल है, जिसमें गरीब किसान पिस रहे हैं। दरअसल, ये बिचौलिये और जमाखोर ही हैं, जो एक ओर किसानों का खून चूस रहे हैं और उन्हें मौत के मुंह में धकेल रहे हैं, वहीं आम लोगों की जेब भी खाली कर रहे हैं। वे दोनों ओर से चांदी काटने में जुटे हैं। ये बिचौलिये किसानों की सब्जियों को औने-पौने दाम में खरीद कर जमाखोरों के यहां जमा कर रहे हैं और फिर दोनों मिलकर बाजार में सब्जियों की कमी दिखाने की कोशिश कर आसमान छूते भावों में बेच रहे हैं। यही कारण है कि किसानों से 15-20 रुपये किलो खरीदा जानेवाला टमाटर आज खुले बाजार में 120 रुपये किलो बिक रहा है।
बाबूलाल किसान के परिजनों से मिले
सूचना के बाद जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी, बंधु तिर्की, रामचंद्र केसरी और मीडिया प्रभारी तौहीद आलम चान्हो के बेतलंगी गांव पहुंच कर किसान के परिजनों से मिले। परिजनों ने घर की व्यथा बाबूलाल को बतायी। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सराकर गरीबों और मासूमों को मारने पर तुल गयी है। बाबूलाल ने सरकार से आश्रितों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की।