भारत सरकार की अगले साल गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर दस आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्षों को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाने की योजना है। एक अंग्रेजी वेबसाइट के मुताबिक भारत अपनी ‘एक्ट ईस्ट नीति’ को बल देने के लिए ब्रुनेई, कम्बोडिया, इंडोेनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलिपिंस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के राष्ट्राध्यक्षों को रिपब्लिक डे परेड में मुख्य अतिथि के तौर आने का न्यौता देने जा रहा है।

हर साल 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली के राजपथ पर ‘रिपब्लिक डे परेड’ का आयोजन किया जाता है, जिसमें भारत अपनी सैन्य क्षमता का प्रदर्शन करता है। यह पहला मौका होगा जब एक साथ इतने देशों के राष्ट्राध्यक्ष ‘रिपब्लिक डे परेड’ में शिरकत करेंगे। ‘एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस’ को आसियान कहा जाता है।

‘लुक ईस्ट नीति’ को ‘एक्ट ईस्ट नीति’ में बदलने की पहल

भारत और आसियान देशों के बीच संबंधों की महत्ता को रेखांकित करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कुछ दिनों पहले दसवें ‘दिल्ली डॉयलाग’ कार्यक्रम के दौरान अपने वक्तव्य में कहा था, ‘हमने दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ अपने रिश्तों को मजबूती प्रदान करने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के भारत-आसियान सम्मेलन में इस बात पर जोर देते हुए कहा था कि भारत की ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ अब ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ बन चुकी है।’

चीन को घेरने की बेहतरीन चाल

चीन के साथ भारत के वर्तमान संबंधों को देखते हुए सरकार की इस पहल को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। गौरतलब है कि दक्षिण-चीन सागर विवाद के बाद आसियान देशों के संबंध चीन के साथ उतने मधुर नहीं हैं। आसियान के चार देश वियतनाम, फिलिपिंस, मलेशिया और ब्रुनेई का चीन के साथ दक्षिण-चीन सागर मामले में विवाद चल रहा है।

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