प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की दूसरी पुण्यतिथि के मौके पर रामेश्वरम के पीकारंबू में करोड़ों रूपये की लागत से निर्मित स्मारक का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने डीआरडीओ द्वारा बनाये गए इस स्मारक के अंदर कलाम की ‘समाधि’ पर पुष्पांजलि अपर्ति की। कलाम लंबे समय तक विभिन्न पदों पर डीआरडीओ के साथ जुड़े रहे थे।
प्रधानमंत्री करीब 15 मिनट तक स्माकर का निरीक्षण करते रहे जहां उन रॉकेट और प्रक्षेपास्त्रों की अनुकृतियों का प्रदर्शन किया गया है जिन पर ‘मिसाइल मैन’ के नाम से प्रख्यात पूर्व राष्ट्रपति ने काम किया था। इस स्मारक को बनाने में 15 करोड़ रूपये की लागत आई है और इसके लिए कलाम के गांव पीकारंबू में तमिलनाडु सरकार ने जमीन आवंटित की थी। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कलाम की लकड़ी से बनी एक प्रतिमा का भी अनावरण किया जिसमें वह वीणा बजाते हुए दिख रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति इस वाद्य यंत्र को बजाने में निपुण थे। स्मारक में दिवंगत वैज्ञानिक की 900 पेंटिंग्स और 200 दुर्लभ तस्वीरें हैं। वह 2002 से 2007 तक राष्ट्रपति रहे थे।
स्मारक में कांसे की बनी कलाम की एक प्रतिमा भी लगाई गयी है। स्मारक के प्रवेश द्वार का डिजाइन नयी दिल्ली के इंडिया गेट की तर्ज पर तैयार किया गया है। स्मारक के पीछे के हिस्से को राष्ट्रपति भवन के मॉडल पर बनाया गया है। स्मारक के प्रवेश द्वार पर लगाया गया ‘अग्नि’ प्रक्षेपास्त्र के मॉडल ने भी प्रधानमंत्री का ध्यान खींचा। उन्हें यहां प्रदशर्ति कलाकृतियों के बारे में भी अधिकारियों ने जानकारी दी। मोदी के साथ तमिलनाडु के राज्यपाल चौधरी विद्यासागर राव, मुख्यमंत्री के पालानीस्वामी, केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन, निर्मला सीतारमण और राजग के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार एम वेंकैया नायडू भी इस मौके पर मौजूद थे।
इससे पहले स्मारक के प्रवेश द्वार पर प्रधानमंत्री ने राष्ट्रध्वज भी फहराया। मोदी ने बाद में कलाम के परिवार के सदस्यों से बातचीत भी की। वह कलाम के बड़े भाई एपीजे मोहम्मद मुथुमीरन मारायीकयार से बात करते वक्त बेहद प्यार से उनका हाथ पकड़े हुए थे। ‘विविधता में एकता’ विषय के साथ तैयार किए गए इस स्मारक में कलाम के ‘उद्धरणों’ के अलावा एक वैज्ञानिक और देश के राष्ट्रपति के तौर पर उनकी तस्वीरों को लगाया गया है। इस मौके पर बड़ी संख्या में बच्चे भी स्मारक स्थल पर मौजूद थे ।