“बुधवार को रातभर चले सियासी ड्रामे के बाद नीतीश कुमार ने गुरुवार को छठी बार सीएम पद की शपथ ली। वहीं, सुशील मोदी ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। शपथ ग्रहण के साथ ही राज्य में एक बार फिर से भाजपा-जदयू की सरकार बन गई है।”
इससे पहले बुधवार को नीतीश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बिहार की राजनीति में जैसे भूचाल आ गया। नीतीश ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ अपने 20 महीने पुराने महागठबंधन से खुद को अलग करते हुए राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश के इस्तीफे की घोषणा के कुछ ही देर बाद भाजपा ने उन्हें बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा कर दी।
दरअसल, बिहार में हुए इस राजनीतिक हलचल के बाद देश की बड़ी पार्टियों के नेता अपनी-अपनी प्रतिक्रिया देने से पीछे नहीं हटे। बिहार में तेज हुई राजनीतिक सरगर्मी के बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला किया है। राहुल ने कहा है कि नीतीश कुमार ने कांग्रेस और महागठबंधन को धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि हमें पहले से पता था कि नीतीश बीजेपी के साथ जाना चाहते हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल ने कहा, ‘सत्ता के लिए व्यक्ति कुछ भी कर जाता है, इसके लिए कोई नियम और विश्वसनीयता नहीं है। राहुल ने कहा कि 3-4 महीने से हमें पता था ये प्लानिंग चल रही है। उन्होंने कहा कि अपने स्वार्थ के लिए व्यक्ति कुछ भी कर जाता है।
राहुल ने कहा कि नीतीश जी को सांप्रदायिक
लोगों के खिलाफ
लड़ाई के लिए जनादेश दिया गया था, लेकिन अब उन्होंने अपनी निजी राजनीति के लिए उनके साथ हाथ मिला लिया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला का कहना है कि कांग्रेस नेताओं को भारी दु:ख हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत पूरी पार्टी नीतीश का नेता के तौर पर सम्मान करती है।
कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बीजेपी ने उन राज्यों को अस्थिर करने के लिए सभी रणनीतियों की कोशिश की, जहां विपक्ष की सरकार थी।
कांग्रेस के प्रवक्ता दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा है, ‘एक बार फिर से बिहार में राज्यपाल जी ने सरकारिया कमीशन और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन किया है Single largest party RJD को मौका नहीं दिया गया है। BJP का प्रजातंत्र में विश्वास न पहले था न अब है। इस कृत्य के लिए धिक्कार है।’
एक अन्य ट्वीट में कांग्रेस नेता दिग्विजय ने कहा, ‘नीतीश जी का कदम निराशाजनक है। क्या महागठबंधन करने के पहले लालू जी के परिवार के बारे में उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी? नीतीश जी बिहार की जनता ने महागठबंधन को चुना है और भाजपा/मोदी के विरोध में। नैतिकता यह कहती है कि आप पुनः बिहार की जनता का जनादेश लें’।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘कोई संजय सिंह से कहे कि वे नीतीश को दिया ईमानदारी का सर्टिफिकेट वापस लें।’
वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने नीतीश और सुशील कुमार मोदी की तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा, ‘रिश्ता मुबारक.. खुश रहो, आबाद रहो और अब साथ रहो’।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ट्विटर पर लिखा, ‘अवसरवादी राजनीति और नेताओं का कुरूप चेहरा दिख रहा है। सत्ता के लिए समर्थन लेना और सत्ता के लिए धोखा देना’।
बिहार में आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा, ‘नीतीश ने चुपचाप शपथ ग्रहण कर लिया है। राज्य में हम बड़ी पार्टी हैं’। उन्होंने कहा कि राज्य में आनन-फानन में सरकार बनी। उन्होंने कहा, नीतीश को देश और बिहार की जनता की फिकर नहीं है, सिर्फ कुर्सी की फिकर है।
वहीं, आरजेडी के मनोज झा ने कहा कि तेजस्वी यादव पर आरोप तो बहाना था नीतीश को बीजेपी की गोद में जाना था।
साथ ही, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा, ‘ना ना करते, प्यार तुम्हीं से कर बैठे, करना था इनकार मगर इक़रार तुम्हीं से कर बैठे’।
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए लिखा, ‘बधाई हो पीएम मोदी जी। नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन लिया। दोस्त बने दुश्मन, फिर दोस्त बने नीतीश कुमार।’
अली अनवर ने कहा, ‘जेडीयू ने जिन कारणों से अलग होने का फैसला किया था वह कारण अभी भी बने हुए हैं’। मेरा जमीर बीजेपी के साथ जाने की इजाजत नहीं देता’। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी ने उन्हें उनकी बात रखने का मौका दिया तो वह जरुर अपनी बात पार्टी के सामने रखेंगे’।