खूंटी: रनिया थाना की खटखुरा पंचायत के मुखिया जॉन लुगुन और बेलकीदुरा के किसान चंद्रू चीक बड़ाइक की हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने पीएलएफआइ के तीन उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार उग्रवादियों में जोसेफ होरो(हाउ, रनिया), हुदू बुढ़(कोवीरकेल, रनिया) और संतोष कंडुलना(रोगड़ा, रनिया) शामिल हैं। उनके पास से हत्या में प्रयुक्त पिस्टल, चार ंिजंदा कारतूस, दौली और लोहे का रॉड बरामद किया गया है। अपने कार्यालय में शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि पीएलएफआइ के कुछ उग्रवादी रनिया के रोगड़ा जंगल में जमा हैं और किसी आपराधिक घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। सूचना के सत्यापन के बाद तोरपा एसडीपीओ नाजीर अख्तर और रनिया के थाना प्रभारी विनोद राम के नेतृत्व में दो अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन कर शुक्रवार की आधी रात में जंगल में तलाशी अभियान चलाया गया।
तलाशी अभियान के दौरान कुछ संदिग्ध लोगों पर पुलिस की नजर पड़ी। पुलिस को देखते हुए सभी भागने लगे। पुलिस ने उनका पीछा कर तीन युवकों को धर दबोचा। पूछताछ में पता चला कि तीनों पीएलएफआइ के सक्रिय उग्रवादी हैं। उनकी तलाशी के दौरान एक देसी पिस्टल सहित अन्य हथियार बरामद किये गये। गिरफ्तार उग्रवादियों ने स्वीकार किया कि वे तीनों खटखुरा के मुखिया जॉन लुगुन और बेलकीदुरा के किसान चंद्रू चीक बड़ाइक की हत्या में शामिल थे। गिरफ्तार उग्रवादियों ने बताया कि दोनों हत्याकांड में मंगरा लुगुन, शनिचर लुगुन, ऐठल बोदरा, शालु बुढ़, रैला, सुलेमान, सोमरा, बिरसा, सनिका और विष्णु शामिल थे। एसपी ने बताया कि छापामारी टीम में एएसपी अभियान अनुराग राज, 94 बटालियन के सहायक कमांडेंट प्रह्लाद चौधरी के अलावा सीआरपीएफ 94 बटालियन और एजी 19 झारखंड जगुआर के जवान शामिल थे।
लेवी के कारण मुखिया, भूमि विवाद में किसान की हत्या
एसपी ने बताया कि लेवी विवाद और मुखिया जॉन लुगुन के माओवादी समर्थक होने के संदेह में पीएलएफआइ ने मुखिया की हत्या की थी, जबकि किसान चंर्द्रू महतो की हत्या जमीन विवाद में हुई थी। मुखिया जॉन लुगुन की हत्या 22 जून को किसान की हत्या 18 जुलाई को हुई थी।