रांची: भाजपा ने अकूत संपत्ति को लेकर एक बार फिर हेमंत सोरेन परिवार पर गंभीर आरोप लगाये हैं। सीएनटी का उल्लंघन कर आदिवासी जमीन खरीदनेवाले नेताओं पर लगातार भाजपा निशाना साध रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में जहां सोरेन परिवार को झारखंड का लालू परिवार करार दिया, वहीं, सीता सोरेन द्वारा सीएनटी का उल्लंघन कर औने-पौने दाम में जमीन खरीदने के दस्तावेज प्रस्तुत किये।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष समीर उरांव और आदित्य साहू ने डॉक्यूमेंट प्रस्तुत करते हुए कहा कि सीता सोरेन ने 2008 में मात्र दो लाख रुपये में 4.30 एकड़ जमीन चास नगरपालिका में खरीदी थी। जमीन की सरकारी कीमत 52.15 लाख है। इतने वैल्यू का स्टांप ड्यूटी भी दिया गया। यह दोनों रेट में असमानता से स्पष्ट है कि इसकी कीमत को छिपाया गया है। कहा कि सोरेन परिवार का वास्तविक घर कहां पर है, यह सरकारी दस्तावेज से पता नहीं चल रहा है। कभी हेमंत सोरेन खुद को दुमका, बोकारो का बताते हैं, तो पत्नी रांची की। भाई गोला में रहता है तो सीता सोरेन बोकारो में। झामुमो को यह बताना चाहिए कि सोरेन परिवार का वास्तविक घर कहां है। नेताओं ने कहा कि झामुमो ने कांग्रेस और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के साथ मिलकर अकूत संपत्ति अर्जित की है।
सोरेन परिवार ने संयुक्त बिहार में झारखंड के मान-सम्मान को गिरवी रखकर केवल अपनी संपत्ति बढ़ायी है। उसी धन से इन्होंने झारखंड में बड़ी संपत्ति अर्जित की है। सोरेन परिवार ने लालू परिवार की तर्ज पर बेहिसाब संपत्ति अर्जित की है। सोरेन परिवार को स्पष्ट करना चाहिए कि उनके आय का स्रोत क्या है? कहां से बेहिसाब संपत्ति खरीदने का धन आ रहा है? कहा कि आदिवासियों के हिमायती कहने वाले हेमंत सोरेन का चेहरा पहले ही बेनकाब हो गया है। उन्होंने रांची में एक एसटी परिवार को ठगकर जमीन खरीदी है। इसमें अहम तथ्य यह है कि एलआरडीसी ने वाद संख्या (2008-09) के द्वारा सीएनटी-एसपीटी एक्ट की धारा 46 के तहत 20 अक्तूबर-2008 को इस प्लॉट की बिक्री की अनुमति दी गयी थी। यह पूरा प्रकरण एवं परमिशन देने की प्रक्रिया संदेहास्पद है। मौके पर प्रवक्ता प्रतुत शाहदेव, दीनदयाल वर्णवाल, शिवपूजन पाठक भी उपस्थित थे।