“आतंकी कमांडर बुरहान वाली की बरसी से एक दिन पहले यानि 7 जुलाई को कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज के बयान पर अपनी कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सोज ने कहा था कि मेरा बस चलता तो मैं बुरहान को जिंदा रखता और उससे बात करता। ”
दरअसल, कांग्रेस नेता सोज के इस तरह के बयानों के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने आज अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा घाटी में लोगों पर गोली चलाने की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को द्विपक्षीय वार्ता में सहयोग करना चाहिए।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा, ‘एक कश्मीरी होने के नाते बुरहान वानी के मसले पर सैफुद्दीन काफी अधिक जानकारी रखते हैं। यहां काफी संख्या में वानी के समर्थक हैं। बंदूक की नोंक पर कोई समस्या हल नहीं हो सकती। लोगों पर गोली चलाने से बेहतर होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर की आवाम से द्विपक्षीय वार्ता करें।’
साथ ही, मणिशंकर ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और माओवादियों से बात करने की भी वकालत की। उन्होंने कहा, अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और नागा नेताओं से मुलाकात करने के लिए तैयार हैं, तो फिर जम्मू-कश्मीर में गिलानी और बस्तर में माओवादी से बात क्यों नहीं कर सकते? आखिर पीएम मोदी यह दोहरी नीति क्यों दिखा रहे हैं।’
गौरतलब है कि पिछले साल 8 जुलाई को जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले में सुरक्षाबलों द्वारा मुठभेड़ के दौरान आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी को मार गिराया गया था। वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ था, जिसके बाद लगातार 53 दिनों के लिए कर्फ्यू लगाया गया था। हालांकि, वानी की मौत के बाद करीब पांच महीने तक घाटी में अशांति जारी रही, जिसमें दो पुलिसकर्मियों सहित 78 लोग मारे गए थे।