रांची: राजधानी के सदर थाना क्षेत्र निवासी एक एनआरआइ की पत्नी से 80 हजार रुपये ठगी का मामला प्रकाश में आया है। महिला रूबीना खातून को फोन कर बड़ी चालाकी से अकाउंट नंबर प्राप्त कर उनके एसबीआइ बड़काकाना ब्रांच के अकाउंट से 80 हजार रुपये की निकासी अपराधियों ने की है। लेकिन रूबीना सिर्फ पैसे की निकासी से पीड़ित नहीं है, बल्की पुलिस की इस चरमराती व्यवस्था से भी काफी हताहत है। दो दिनों से रूबीना घटना के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करवाने के लिए रांची के सदर थाना, रामगढ़ के बड़काकाना थाना और साइबर थाना के चक्कर काट रही है। लेकिन घटना के 48 घंटे बीत जाने के बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है।
क्या है मामला : सदर थाना क्षेत्र के गढ़ाटोली शांति नगर निवासी मोहम्मद सलीम की पत्नी रूबीना पूर्व में रामगढ़ के बड़काकाना क्षेत्र में रहती थी। पीछले कई वर्षों से वह रांची के सदर थाना क्षेत्र में रह रही है। 6 जुलाई को उनके मोबाइल फोन पर 7280826127 से फोन आया। फोन करने वाले ने पहले आधार कार्ड की जानकारी मांगी और फिर एटीम कार्ड के नंबर की जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया। पीन नंबर नहीं देने पर ठगों द्वारा एक मैसेज रूबीना के फोन पर भेजा गया और मैसेज में आये नंबर की जानकारी ठग ने रूबीना से पूछा। नंबर देते के साथ अपराधियों ने उनके खाते से 80 हजार रुपये की अवैध निकासी कर ली।

घटना की जानकारी होने पर रूबीना एसबीआइ बैंक बड़काकाना पहुंची और मैनेजर से जानकारी प्राप्त किया। जिसके बाद बड़काकाना थाना पहुंचकर कांड के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करवाने का प्रयास किया। लेकिन थानेदार ने यह कह कर रूबीना को टरका दिया कि आप रांची में रहती है और साइबर थाना भी वहीं है आप रांची के सदर थाना चले जाये मामला वहीं दर्ज होगा। रूबीना रांची के सदर थाना पहुंची जहां थानेदार मौजूद नहीं थे। मुंशी ने महिला को साइबर थाना जाने का सुझाव दिया। साइबर थाना जाने के बाद बताया गया कि दो लाख से कम का मामला साइबर थाने में दर्ज नहीं होगा। पहले किसी और थाने से रिसिव करवा कर लाओ। रूबीना शनिवार को अंत में एसएसपी के आॅफिस पहुंची जहां से उसके सिटी एसपी के पास भेजा गया। सिटी एसपी के रिडर से महिला रूबीना को साइबर थाना जाने का सुझाव दिया। शनिवार की शाम रूबीना साइबर थाना पहुंची जहां उसे बताया गया कि कांड के 24 घंटे से ज्यादा बीत चुके हैं, अब अपराधियों के पकड़ाने की उम्मीदे कम हैं।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version