काहिरा:  मिस्र की एक अदालत ने शनिवार को आठ लोगों को सजा-ए-मौत सजा सुनाई है। मीडिया रपट के अनुसार इन लोगों पर 2013 में एक पुलिस थाने पर धावा बोलने का आरोप था। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, इन सभी को एक सरकारी संस्थान पर हमला करने, उसे आग के हवाले करने, 19 पुलिसकर्मियों और नागरिकों को घायल करने के अलावा पुलिस के 20 और तीन निजी वाहनों में आग लगाने का दोषी पाया गया।

अदालत ने अपने निर्णय को ग्रैंड मुफ्ती के पास भेज दिया है। ग्रैंड मुफ्ती देश में सर्वोच्च इस्लामिक अधिकारी हैं, जो सभी की मौत की सजा पर धार्मिक निर्णय देंगे।

हालांकि मुफ्ती के निर्णय की कोई बाध्यता नहीं है और इसे एक औपचारिकता भर माना जाता है।

अदालत इसी तरह के आरोपों में अन्य 60 अपराधियों के खिलाफ अपना अंतिम निर्णय अक्टूबर में सुनाएगी।

यह मामला अगस्त 2013 का है, जब मुस्लिम ब्रदरहुड संगठन के सदस्यों ने कुछ पुलिस थानों में तोड़फोड़ की थी और इस्लामिक राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थकों पर पुलिस द्वारा कार्रवाई किए जाने के प्रतिशोध स्वरूप सुरक्षाकर्मियों की हत्या की थी। मोहम्मद मुर्सी के खिलाफ एक व्यापक विरोध के परिणामस्वरूप सेना ने उन्हें पद से बेदखल कर दिया था।

मुर्सी को उनके ब्रदरहुड समूह के प्रमुख नेताओं के साथ विरोधकर्ताओं की हत्या करने, दूसरे देशों के लिए जासूसी करने और अन्य आरोपों में मौत की सजा सुनाई गई थी।

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