रांची: शहीद के पिता ने सीएम रघुवर दास से गुहार लगाते हुए न्याय की मांग की है। पूरे परिवार में अकेला कमाने वाला विद्यापति शहीद हो गया। इधर, परिवार को बेसहारा छोड़कर विधवा बहू मायके चली गयी। दरअसल, विद्यापति नक्सली मुठभेड़ में शहीद हो गये थे। उनके पिता सुनील ने राज्य के गृह सचिव को चिट्ठी भेजी है। इसमें उन्होंने अपना दर्द बयां किया है। उन्होंने लिखा है कि आठ अप्रैल 2017 को सिमडेगा में उनका पुत्र शहीद हो गया। दूसरा बेटा बेरोजगार है। शहीद विद्यापति के दो बच्चे हैं। बेटे की शहादत के बाद बहू मायके में ही रहने लगी है। वह मायकेवालों के कहे अनुसार ही काम कर रही है। ऐसे में उन्हें आशंका है कि सरकार से मिलने वाली पूरी राशि वही रख लेगी। एक कार भी थी, जो बहू साथ ले गयी है।
पत्र पर हो सकता है विचार
पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि हाल के दिनों में कई ऐसे मामले आये हंै, जब युवा पुलिस अधिकारी के शहीद होने पर उनकी पत्नियां बूढ़े मां-बाप को छोड़ कर चली जाती हैं। इसलिए पुलिस मुख्यालय के सूत्रों के अनुसार इस पर सरकार विचार कर सकती है।
एक करोड़ मिलेंगे शहीद के परिवार को
शहीद दारोगा के परिवार को करीब एक करोड़ रुपये मिलने हैं। इसमें 10 लाख मुआवजा, 11 लाख बीमा, करीब 90 लाख रुपये शेष बची सेवा अवधि का वेतन और पेंशन के शामिल हैं।