रांची: देश के कई राज्यों में आतंकी हमले के अलर्ट के मद्देनजर श्रावणी मेले की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है। विश्व प्रसिद्ध देवघर के श्रावणी मेला का उद्घाटन रविवार को होगा। इसमें करोड़ों श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं। डीजीपी डीके पांडेय ने बताया कि इस बार की सुरक्षा पिछले वर्ष से भी बेहतर है। पहली बार बिहार के सुल्तानगंज में भी झारखंड पुलिस की टीम रहेगी और पूरे 110 किलोमीटर के मेले पर एटीएस से लेकर ड्रोन से भी नजर रखी जायेगी। श्रावणी मेला में कहीं से कोई चूक न हो, इसके लिए सरकार से लेकर पूरा पुलिस महकमा लगा हुआ है। डीजीपी ने बताया कि इस बार श्रावणी मेला में 12 हजार से अधिक सुरक्षा कर्मी को लगाया गया है।
18 अस्थायी थानों का निर्माण
डीजीपी ने बताया कि इस बार 18 अस्थायी थाना का निर्माण किया गया है। साथ ही पूरे मेले की सुरक्षा तीसरी आंख के साथ-साथ एंटी एटीएस के कमांडो संभालेंगे। इसके अलग श्रावणी मेले के लिए एक डीआइजी रैंक के अधिकारी की पोस्टिंग की गयी है। तीन एसपी रैंक के अधिकारी, 15 सौ अधिकारी, 10 हजार सिपाही के अलावे रैफ, सीआरपीएफ एनडीआरएफ की टीम तैनात रहेगी। साथ ही, इस बार कहीं लाइट की कोई समस्या न हो, इसके भी खास इंतजाम किये गये हैं।
सावन माह में बाबानगरी जाने के लिए झारखंड बस संचालकों द्वारा सुल्तानगंज के लिए रविवार से स्पेशल बस सेवा शुरू होगी।
बस संचालकों के अनुसार इस बार कांवरियों की संख्या ज्यादा होने की उम्मीद है। भागलपुर पहुंचने के बाद ही कांवरिये सुल्तानगंज के लिए बस बदलते हैं या फिर जसीडीह पहुंचकर सुल्तानगंज के लिए जाते हैं। बस संचालकों के अनुसार इस बार 40 से अधिक बसें इस रूट पर चलायी जायेंगी। पिछली बार 14-15 बसें यहां से चलीं थीं।
सुल्तानगंज जाने के लिए इस बार अधिक किराया देना पड़ेगा। बस संचालकों ने बताया कि सुल्तानगंज से सभी बसें खाली ही लौटती हैं, जिस कारण बस किराया बढ़ाया गया है। पिछले साल जहां 290 रुपये किराया था, वहीं इस बार 320 रुपये किराया लिया जायेगा। सुल्तानगंज से धनबाद आने के लिए रूट परमिट नहीं मिलता है, जिससे स्टैंड से सवारी नहीं उठायी जा सकती है।