केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि भारतीय सशस्त्र बल देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए पूरी तरह सक्षम एवं पयार्प्त उपकरणों से सुसज्जित हैं। शून्यकाल में विपक्षी सदस्यों ने जब कैग की रिपोर्ट का जिक्र किया तब रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने यह प्रतिक्रिया दी। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सेना के समक्ष गोलाबारूद का संकट है और युद्ध के लिए केवल दस दिन का ही गोलाबारूद है।

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर युद्ध की स्थिति आए तो सेना के पास केवल इतना ही गोलाबारूद है जो मात्र दस दिन या उससे भी कम समय तक ही चल सकेगा। युद्ध की स्थिति में सेना को 40 दिन का गोलाबारूद भंडार में रखना पड़ता है। जेटली ने कहा कि कैग की रिपोर्ट में गोलाबारूद की कमी का जो जिक्र है वह एक खास समय की बात है। अरुण जेटली ने कहा कि कैग की रिपोर्ट ने साल 2013 को संदर्भ के तौर पर बताया है और उसके बाद उत्तरोत्तर प्रगति हुई है।

कैग की रिपोर्ट ने साल 2013 को संदर्भ के तौर
उन्होंने कहा, ‘इसके बाद लगातार प्रगति हुई है। हथियारों की खरीद की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, अधिकारों का विकेंद्रीकरण किया गया है और भारतीय सशस्त्र बल देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए पूरी तरह सक्षम एवं पयार्प्त उपकरणों से सुसज्जित हैं। विपक्षी दल इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और सरकार से सवाल करते रहे। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने पूछा, प्रक्रिया को कब सरल किया गया? उन्होंने दावा किया कि यह निर्णय कुछ ही दिन पहले किया गया। तीन साल तक कुछ नहीं किया गया।’

आनंद शर्मा ने मनोहर पर्रिकर को बताया ‘नॉन परफॉर्मर’
शर्मा ने यह भी कहा कि देश में पूर्णकालिक रक्षा मंत्री नहीं है और पहले मनोहर पर्रिकर ‘नॉन परफॉर्मर’ थे। उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि यह शून्यकाल है और इसमें शून्यकाल के तहत सूचीबद्ध मुद्दे उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सदस्य इस विषय पर चर्चा चाहते हैं तो वह इसके लिए अलग से नोटिस दे सकते हैं।

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