दिल्ली: यहां के एक सरकारी स्कूल में 10वीं की छात्रा ने बच्ची को जन्म दे दिया। इतनी कम उम्र में उसके बच्ची को जन्म होने के बाद में पता चला कि वह रेप की शिकार हो रही थी।
आरोपित पड़ोस में रहने वाला 51साल का ऑटो चालक निकला। उसे पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। नॉर्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी मिलिंद डुंबरे ने घटनाक्रम की पुष्टि की।
उन्होंने बताया कि अस्पताल में होश आने के बाद किशोरी ने जो बताया, उससे आरोपित ऑटो वाले की करतूत का खुलासा हुआ। आरोपित की धर-पकड़ के लिए एसीपी हुक्मराम के सुपरविजन में पुलिस टीम बनाई गई।
किशोरी की स्कूल में डिलीवरी और पुलिस कार्रवाई की भनक लगते ही आरोपित घर से फरार हो गया था। इसे इंस्पेक्टर अनिल चौहान और एसआई प्रियंका की टीम ने अरेस्ट कर लिया। उसकी पहचान 51 साल के अब्दुल गफ्फार के तौर पर हुई।
किशोरी ने बीती 20 जुलाई को स्कूल के बाथरूम में बच्ची को जन्म दिया था। बताया जा रहा है कि उस रोज स्कूल में किशोरी का कंपार्टमेंट का एग्जाम था।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपित किशोरी की मासूमियत और नादानी का फायदा उठा रहा था। उसे यौन शोषण के बाद कभी 500 तो कभी 800 रुपये देता था, ताकि वह लालच के चलते उसके चंगुल में फंसी रहे।
इस तरह चार-पांच बार वह रेप कर चुका था। किशोरी ने जब उसे पेट फूला होने और दर्द के बारे में बताया तो उसने उसे गर्भपात की दवा खिला दी। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ी और स्कूल में ही उसकी डिलीवरी हो गई।
शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि वह किशोरी का 4-5 बार यौन शोषण कर चुका था। किशोरी को अपने चंगुल में रखने के लिए रुपयों का लालच देता था। लड़की को शुरू में अपने प्रेग्नेंट होने का पता नहीं चला। जब पेट फूलने लगा तो आरोपित ने उसे बच्चा गिराने की दवा खिला दी। इसके असर से उसे स्कूल में प्री-मैच्योर डिलिवरी (26 सप्ताह) हो गई।
पुलिस ने बताया कि सबसे हैरानी वाली बात यह है कि बच्ची के परिवारीजनों को भी उसके गर्भवती होने का अंदाजा नहीं लगा। उन्हें लग रहा था कि किसी बीमारी या गैस की वजह से ही किशोरी का पेट फूल रहा है।
स्कूल से उसकी डिलीवरी की खबर मिली तो वह भी हैरान रह गए। नाबालिग मां और नवजात सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं। दोनों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।