रांची: इस बार सावन का महीना शिव भक्तों के लिए विशेष संयोग लेकर आ रहा है। 10 जुलाई से शुरू होने वाला सावन सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही समाप्त होगा। इस दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र सायंकाल सर्वार्थसिद्धि योग का संयोग बन रहा है। यह स्थिति मास पर्यंत शिव उपासना के लिए श्रेष्ठ है। इससे पहले 1997 में इस प्रकार का संयोग बना था। ऐसा संयोग कई वर्षों में एक बार आता है। इस संयोग में भगवान शिवजी की आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। अमूमन सावन में चार सोमवार पड़ते हैं, लेकिन इस बार भक्तों को शिव आराधना के लिए पांच सोमवार मिलेंगे, जो काफी शुभ संकेत है।
ज्योतिषाचार्य डॉ सुधानंद झा और पंडित अभिषेक पाठक के अनुसार, नौ जुलाई को आषाढ़ी गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया जायेगा। 10 जुलाई को सावन का पहला सोमवार, 17 को दूसरा, 24 को तीसरा, 31 जुलाई को चौथा और सात अगस्त को पांचवां सोमवार होगा। पांचवें अंतिम सोमवार को चंद्र ग्रहण होगा और इसी दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जायेगा। ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश कुमार उपाध्यक्ष शास्त्री ने बताया कि आषाढ़ी गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सभी सदगुरु देवों का पूजन अभिषेक होता है। भगवान शिव जगत के परम गुरू हैं।
पहली सोमवारी पर बन रहा राग योग, भक्तों को होगा लाभ
पंडित संतोष त्रिपाठी ने बताया कि सावन 10 जुलाई से शुरू हो रहा है। पहली सोमवारी पर पूर्ण राग योग है, जिसमें भगवान शिव की विशेष पूजा करने से लाभ होगा। इस दिन खड़ा चावल, बेलपत्र पंचामृत से शिवजी को स्नान करायें।