बातचीत ही इकलौता रास्ता

  • इमरान ने कहा- हैवानों का निजाम हटाकर इंसानियत का निजाम लाना चाहता हूं
  • इमरान की पार्टी को नेशनल असेंबली की 115 सीटों पर बढ़त मिली है

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के आम चुनाव में जीतने के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान ने शुक्रवार को देश को संबोधित किया। उन्होंने गरीबी हटाने, प्रधानमंत्री आवास समेत बड़े सरकारी परिसरों को जनता की भलाई के लिए दूसरे संस्थानों में तब्दील करने और किसानों के लिए काम करने का वादा किया। इमरान ने गरीबी दूर करने के लिए चीन से सबक लेने, अफगानिस्तान से दूरियां मिटाने और अमेरिका के साथ रिश्ते सुधारने की बात कही। उन्होंने भारत का जिक्र भी किया लेकिन कश्मीर में लोगों के मानवाधिकार हनन का दावा किया। उन्होंने कहा कि भारत से बातचीत आगे बढ़ाना चाहता हूं।
इमरान ने कहा, ‘‘मुझे अफसाेस हुआ कि हिंदुस्तान के मीडिया ने मुझे ऐसे दिखाया जैसे मैं किसी बॉलीवुड फिल्म का विलेन हूं। मैं वह पाकिस्तानी हूं जो पूरे हिंदुस्तान में घूमा हूं, क्रिकेट की वजह से। मुझे लगता है कि पाकिस्तान-हिंदुस्तान के रिश्ते बेहतर होते हैं तो हमारे लिए अच्छा होगा। सबसे बेहतर ये हो कि हमारी एक-दूसरे से कारोबार करें। बदकिस्मती ये है कि कश्मीर में बीते 30 साल लोगों के मानवाधिकार का हनन हो रहा है। कोशिश होनी चाहिए कि पाकिस्तान और हिंदुस्तान एक टेबल पर बैठकर इस मसले को हल करें। अगर आरोपों का खेल चलता रहेगा तो हम वहीं के वहीं हैं। हम बिल्कुल तैयार हैं कि पाकिस्तान के साथ ताल्लुकात बेहतर करें। आप एक कदम बढ़ाएंगे, हम दो कदम बढ़ाएंगे। मैं ये चाहूंगा ये हमारे मुल्कों के बीच दोस्ती एशिया के लिए जरूरी है और मसले बातचीत से हल होने चाहिए।”

अल्लाह ने 22 साल बाद मौका दिया:

इमरान ने कहा, ”मैंने 1996 में संघर्ष शुरू किया, 22 साल बाद अल्लाह ने एक मौका दिया है कि मैं उस सपने को पूरा करूं। घोषणा पत्र में किए वादों को पूरा करूं। मैं राजनीति में इसलिए आया था। मैं पाकिस्तान में बड़ा हो रहा था, लेकिन देखा कि मुल्क करप्शन की वजह से नीचे जा रहा था। इस चुनाव में लोगों ने कुर्बानियां दीं। बलूचिस्तान में आतंकी हमलों के बीच लोग वोट डालने के लिए निकले। उन लोगों का शुक्रिया। उन्होंने हमारे लोकतंत्र को मजबूत किया। 10 जिलों में हम पर खतरा था। सिक्युरिटी फोर्सेस ने बखूबी काम किया। पहली बार रियासत में गरीबों के बारे में सोचा गया। हमें कमजोर तबके की जिम्मेदारी लेनी होगी। कमजोर भूखे मर रहे हैं। ढाई करोड़ पाकिस्तानी बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं। 45 फीसदी बच्चों का विकास ठीक से नहीं हुआ। हमारी कोशिश इस निचले तबके को ऊपर उठाने की है। इस मुल्क की पहचान अमीर नहीं गरीबों के रहन-सहन से होती है।”

मुल्क का गवर्नेंस सिस्टम सुधारेंगे:

”चाहता हूं कि सारा पाकिस्तान एक हो जाए। कोई भी जिसने मुझ पर निजी हमले किए। मैं उन बातों को भूल चुका हूं। अब बात मुल्क की है। हमारा मकसद मुल्क से काफी बड़ा है। ये पहली सरकार होगी जो सियासत को लेकर कार्रवाई नहीं करेगी। पर जो कानून के खिलाफ जाएगा, उस पर कार्रवाई होगी। हम ऐसी व्यवस्था बनाएंगे। जिसमें जिम्मेदारी तय की जाएगी। मुल्क के गवर्नेंस सिस्टम को ठीक करेंगे। क्योंकि ऐसा नहीं होगा तो निवेश नहीं हो पाएगा। पाकिस्तान बहुत बड़ी आर्थिक चुनौती का सामना कर रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपया गिर गया है, राजकोषीय घाटा बढ़ा है और देश पर कर्ज है।”

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